अमृतपाल को पनाह देने वाले का क्या पाकिस्तान केनक्शन है?

अरदास पर उठने लगे कई सवाल

36 दिन बाद हुई अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़े तमाम बिंदुओं पर जांच पड़ताल हो रही है। जांच एजेंसिया उसका कनेक्शन और उसे पनाह देने वालों की जानकारी खंगाल रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि अजनाला थाने पर हमले का आरोपी अमृतपाल के दिल और दिमाग में सिर्फ खालिस्तान रचा बसा हुआ है। उसे समर्थन भी उन्ही लोगों से मिलता रहा है। यही वजह है कि खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे जसबीर ने उसे पनाह दे रखी थी।

ये वही जसबीर सिंह है जिसे बीते दो साल पहले एनआईए ने गिरफ्तार किया था। जसबीर सिंह के रोडे स्थित निवास पर पुलिस ने छापा मारा और उसके बेटे गुरमुख सिंह से पाकिस्तान से मंगाया गया आरडीएक्स बरामद किया था। इस मामले में गुरमुख सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था। जसबीर के रसूख की बात करें तो पंजाब में इसका खासा दबदबा है और माझा में जबरदस्त जनाधार भी माना जाता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के तौर पर राज्य सरकार में अध्यक्ष का दायित्व भी सौंपा गया था। जसबीर का भाई लखबीर सिंह भी किसी से कम नहीं है। लखबीर,इंडियन सिख यूथ फेडरेशन नामक संगठन चलाता है। खुद ही इसका प्रमुख है और कई आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के लिए काम करता है और कई आतंकी वारदातों में शामिल होने के मामले दर्ज हैं।

अकेला पड़ गया था अमृतपाल

गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल के साथ साय की तरह रहे पपलप्रीत ने अमृतपाल को छिपाने के कई ठिकाने बना रखे थे। रहने,खाने और भागने का पूरा इंतजाम करने वाले पपलप्रीत के 10 अप्रैल को गिरफ्तार होने के बाद अमृतपाल बिलकुल अकेला रह गया था। इसके बाद उसने रोडे गांव स्थित गुरुद्वारा साहिब के सेवादार जसबीर सिंह की पनाह ले रखी थी। यहीं से उसे गिरफ्तार किया गया।

परिवार ने हमेशा साथ दिया

भले ही अमृतपाल पर कई तरह के आरोप लगे लेकिन परिवार ने कभी उसका साथ नहीं छोड़ा। प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर परिवार का कहीं न कहीं साथ मिलता रहा है। आज भी अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह कह रहे हैं कि उनके बेटे के मिशन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि उनके बेटे ने पंजाब में नशामुक्ति के लिए अभियान चला रखा है। उसके इस मिशन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही तारसेम ने मीडिया से यह भी कहा कि उन्हे उसकी काफी चिंता है और कानून के अनुसार इस लड़ाई को लड़ेंगे। जहां तक विदेश से संपर्क की बात है तो ये कोई गुनाह नहीं है।

अरदास पर उठने लगे कई सवाल

अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव के जिस गुरुद्वारे में अमृतपाल ने न केवल सभा की बल्कि वहां भिंडरावाले की फोटो के समक्ष अरदास भी की थी। ऐसी खबरें आने के बाद अब अरदास को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। सवाल उठाने की वजह ये है कि सिख धर्म के कई जानकारों का मानना है कि सिर्फ पवित्र ग्रंथ को छोड़कर किसी अन्य के सामने अरदास में बैठना ठीक नहीं है। सिख परंपराओं के अनुसार केवल श्री गुरु ग्रंथ साहिब और दस गुरुओं के समक्ष ही नतमस्तक हुआ जाता है बाकी किसी और की तस्वीर के सामने अरदास नहीं की जा सकती।

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