बिना सोचे समझे बोलना कई बार घातक होता है। खासतौर से राजनैतिक मंच है तो और भी अधिक सावधानी रखना होती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोई सतर्कता नहीं बरती और कर्नाटक की चुनावी सभा में विवादित टिप्पणी कर दी। मामला गर्माया और उन्हे संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा। ऐसी ही गलती के आरोप बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी लगे हैं। उनके खिलाफ शिकायतकर्ता हरेश मेहता के वकील ने अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में सबूत पेश करते हुए तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। इस पर अगली सुनवाई 12 जून को होना है।
तेजस्वी ने कहा डराने की कोशिश
तेजस्वी के मामले ने तूल पकड़ा तो आने वाले समय में उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। सबूत सही पाए गए तो तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। बता दें कि उप मुख्यमंत्री पर गुजरातियों को ठग कहने का अरोप है। जिसको लेकर गुजरात के व्यापारी हरेश मेहता ने इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए तेजस्वी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। कोर्ट, मामले की सुनवाई करता इसके पहले ही तेजस्वी यादव का बयान आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि उनको डराने की कोशिश की जा रही है।
इसलिए दर्ज हुआ था मानहानि का मामला
आपको बता दें कि बैंकों का पैसा लेकर भागे हीरा व्यापारी राहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस से हटने के बाद तेजस्वी यादव ने पटना में कहा था कि वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं। और उन्हे माफ भी कर दिया जाता है। तेजस्वी के इस बयान के बाद अहमदाबाद के कारोबारी हरेश मेहता ने अपर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में तेजस्वी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 21 मार्च को तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा-499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत मामला दर्ज करवाया था। उधर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने सभी गुजरातियों के लिए इस तरह का बयान नहीं दिया है।
इसी तरह फंसे थे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी विवादित टिप्पणी के लिए लोकसभा की सदस्यता पहले ही गंवा चुके हैं। उन्होंने एक जाति के खिलाफ बयान देकर फजीहत करवाई थी। कर्नाटक में चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर होते हैं।’ राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का प्रकरण दर्ज कराया था। इस मामले पर न्यायालय ने सख्त रवैया अपनाया और उन्हे दो साल की सजा सुना दी। सजा के बाद नियमों के तहत राहुल गांधी को सांसदी गंवाना पड़ी। बात यहीं खत्म नहीं हुई जब राहुल गांधी सांसद नहीं रहे तो सरकारी बंगले में कैसे रह सकते हैं? इसलिए उन्हे बंगला भी खाली करना पड़ा। इसके अलावा पटना में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी भी राहुल गांधी की टिप्पणी से आहत हुए और उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करा दिया।
अब तेजस्वी का क्या होगा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हुई कार्यवाही के बाद तेजस्वी यादव जिस तरह विवादित टिप्पणी में फंसे हैं उसको देखकर राजनैतिक कयास लगना भी शुरु हो गए हैं। जानकारों को कहना है कि यदि कोर्ट ने सख्ती कर दी तो बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। विरोधियों ने इस मामले पर नजर लगा रखी है। उनका कहना है कि जब राहुल गांधी पर विवादित बयान पर कार्यवाही हो सकती है तो तेजस्वी यादव पर क्यों नहीं हो सकती है। कार्रवाई की संभावना इसलिए ज्यादा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का प्रकरण लगभग एक जैसा है। ऐसे में कोई यह मान बैठे कि कार्रवाई नहीं होगी तो इसमें कोई दम नहीं है।