यूट्यूबर ने ऐसा क्या किया: एनएसए के तहत पहुंच गया सलाखों के पीछे

फेक वीडियो बनाने का आरोप

बिहार के एक यूट्यूबर ने अपने टैलेंट का दुरुपयोग कर दिया। कुछ इस तरह के कंटेंट बना दिए जिससे देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे। नतीजा ये रहा है सरकारी शिकंजा कसने के बाद यूट्यूबर मीनष कश्यप को करीब एक साल तक जेल में रहना पड़ेगा।

राज्यपाल ने दी मंजूरी

मामला गंभीर और चिंताजनक है।इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की मंजूरी दे दी। इसका मतलब है कि उन्हे कम से कम 12 महीने न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही जमानत की कोई संभावना हो सकती है।

फेक वीडियो बनाने का आरोप

यूट्यूबर मीनष कश्यप पर फेक वीडियो बनाने के आरोप लगे हैं। उन्होंने इन वीडियों को सोशल साइट यूट्यूब पर प्रसारित करने उनकी मुश्किलें बढ़ गई। मनीष पर कानून का शिकंजा कस दिया गया है। तमिलनाडु में प्रवासी बिहार के लोगों पर कथित हिंसा का फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा है। इसके बाद इस मामले में राजनीति हुई और उन पर शिकंजा कस दिया गया।कश्यप पर एनएसए लगाने की मंजूरी मिलने के बाद यूट्यूबर मनीष पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद मदुरै कोर्ट ने पहले से दर्ज मामले में मनीष की न्यायिक हिरासत बढ़ाई और अब नया प्रकरण दर्ज होने के बाद उनकी हिरासत अवधि बढ़ सकती है।

तीन माह तक जमानत की उम्मीद नहीं

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दर्ज प्रकरण में मनीष कश्यप को लंबे समय तक हिरासत में रखा जा सकता है। एनएसए के तहत हुई कार्रवाई में उन्हे तीन माह तक जमानत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। संदेह के आधार पर 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। बता दें कि किसी पर भी सुरक्षा को खतरे की आशंका होने पर एनएसए एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज होता है।

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