मुंबई: कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि अगर आगामी महाराष्ट्र चुनाव में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में आता है, तो वह महिलाओं की ‘लड़की बहन योजना’ को अधिकार आधारित कार्यक्रम में बदल देगा। वह एक निजी कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान एमवीए के सीएम चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी को ही मुख्यमंत्री का पद मिलता है और यह परंपरा अब तक चली आ रही है। एक निजी चैनल के कार्यक्रम में चव्हाण ने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया और एमवीए के अन्य घटकों की तुलना में सबसे अधिक सीटें जीतीं, इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस (गठबंधन में) अधिकतम सीटों की हकदार है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि गठबंधन आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतेगा।
महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है कांग्रेस
कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हर चुनाव अलग होता है और राजनीतिक दलों में अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए। इस दौरान जब चव्हाण से पूछा गया कि क्या एमवीए सत्ता में आने के बाद मौजूदा महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लड़की बहन योजना’ को रद्द करेगी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर तरह से महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस इसे महाराष्ट्र में क्यों नहीं लागू करेगी।
उन्होंने कहा, “यह उन महिलाओं का अधिकार है जो बिना वेतन के अगली पीढ़ी का ख्याल रख रही हैं। हम महाराष्ट्र में लड़की बहन योजना को अधिकार आधारित कार्यक्रम बनाएंगे।”
लाड़की बहन योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह योजना कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में भी लागू की गई है और इसके तहत महिलाओं को दो हजार रुपये प्रति माह मिल रहे हैं।
भारत ने वोटों के विभाजन को रोका
‘भारत’ गठबंधन के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनौती देने के लिए ‘भारत’ गठबंधन बनाकर ‘मास्टरस्ट्रोक’ खेला है। उन्होंने कहा, “भले ही यह एक आदर्श गठबंधन नहीं है, लेकिन चुनावों में विपक्षी वोटों के विभाजन को रोकना संभव हो पाया है।”
‘हमारा साझा घोषणापत्र होगा’
एमवीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर चव्हाण ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी को ही मुख्यमंत्री का पद मिलता है और यह परंपरा अब तक चली आ रही है। उन्होंने कहा, “अगर इस परंपरा से हटकर कोई फैसला लेने की जरूरत पड़ी तो यह फैसला कांग्रेस नेतृत्व करेगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “एमवीएम में एक ही नेता की जरूरत नहीं है। हमारा साझा घोषणापत्र होगा। कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों की हकदार है। हम जूनियर पार्टनर के तौर पर गठबंधन में शामिल हुए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में हमें ज्यादा सीटें मिलीं।”