राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन दिनों फिर चर्चाओं में हैं। वजह ये है कि वे विपक्ष से ऐसे सवाल पूछ रहे हैं जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है। शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए जो पूछा उससे कांग्रेस भी परेशान होती नजर आ रही है। यदि कांग्रेस शाह के सवालों का जवाब देती है तो फजीहत होगी और नही देती है तो आमजन में गलत संदेश जानेे की संभावना बढ़ जाती है।
कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया
गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस ने एक और शर्मनाक अपमान किया है। एक पवित्र शैव मठ, थिरुवदुथुराई अधीनम ने भारत की स्वतंत्रता के समय सेंगोल के महत्व के बारे में बात की थी। कांग्रेस अधीनम के इतिहास को झूठा बता रही है! कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है। इससे पहले एक ट्वीट में अमित शाह ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ की तरफ से पंडित नेहरू को एक पवित्र सेंगोल दिया गया था, लेकिन इसे ‘चलने की छड़ी’ के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था।
कई दिनों चल रहा है विवाद
इस बार विपक्ष के निशाने पर आई केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए कई दल मोर्चा संभाले हुए है। इसके बाद भी विपक्ष को कहीं कोई सफलता नहीं मिल रही है। मामला है नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग का। बीते कई दिनों से यह विवाद चल रहा है जिसको लेकर विपक्ष पर शाह ऐसे सवाल दाग रहे हैं जिसका जवाब दे पाना विपक्ष के लिए संभव नहीं है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने मांग की थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से नहीं बल्कि राष्ट्रपति से कराना चाहिए। विवाद इतना बढ़ा कि न्यायाल में भी दस्तक देना पड़ी। यहां भी फटकार के अलावा विपक्ष को कुछ नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि शाह ऐसे समय पर सवाल पूछे हैं जब कई विपक्षी दल नए संसद भवन के उद्घाट समारोह का बहिष्कर करने जा रहे हैं।
अब सिर्फ सियासत हो रही है
आपको बता दें कि कांग्रेस सहित करीब दो दर्जन भाजपा विरोधी दल लगातार मांग कर रहे हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री से नहीं राष्ट्रपति से कराया जाना चाहिए। इस मामले में दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपील की गई थी कि कोर्ट इसमें दखल दे और राष्ट्रपति से भवन का उद्घाटन कराने का आदेश है। पर विपक्ष का यह दांव भी उल्टा पड़ा और कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कह दिया कि गनीमत है कि हम आप पर कोई जुर्माना नहीं लगा रहे हैं। वरना हमें सब पता है कि ये याचिका क्यों लगाई गई।
संसद भवन मामले पर चौतरफा हमला
कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि नए संसद भवन का उद्घाटन एक तरह से लोकतंत्र का उत्साह है। हमें उसी नजर से उसे देखना चाहिए। ये कोई विवाद का विषय नहीं है। यदि इसे फिर भी विवाद का विषय बनाया जाता है तो काफी शर्मनाक है। इस तरह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से नए संसद भवन को देखने के लिए काफी उत्साहित हुं,इसे देखने के लिए सभी को आना चाहिए। हमने इसे केवल तस्वीरों में देखा है मेरे लिए प्रत्यक्ष देखना बड़ी खुशी की बात होगी।