कल्याण बोर्ड के जरिए सियासी कल्याण करना चाहती है बीजेपी-कांग्रेस

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच साल में आधा दर्जन से अधिक कल्याण बोर्ड की घोषणा के उनका गठन किया गया। सूबे के सीएम शिवराज सिंह चैहान संभागीय से लेकर प्रदेश स्तरीय अलग अलग समाजों के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान उन समाज के कल्याण बोर्ड के गठन के साथ उसके अध्यक्षों को मंत्री का दर्जा देने की भी घोषाणा कर रहे हैं। अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा कल्याण बोर्डो का ऐलान सीएम शिवराज कर चुके हैं।

ग्वालियर में पाल बघेल धनगर समाज के कल्याण बोर्ड का गठन कर उसका नाम लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम प्र दिया था। ऐलान किया था कि साथ ही बोर्ड अध्यक्ष समाज से ही बनाया जाएगा। जिसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी मिलेगा। चुनावी बेला में बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी एड़ी चोटी का जोर लगाती नजरआ रही है। मध्य प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपनी ओर आकृशित करना चाहती है। यही वजह है कि एक और जहां बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाते हुए विभिन्न समाजों के बीच पहुंचकर उनके कल्याण बोर्ड गठन कर रही है तो इस पर कांग्रेस भी फोकस बनाए हुए है है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने सरकार में आते ही विभिनन समाज कल्याण बोर्ड बनाने का ऐलान भी किया है।

समाज को तोड़ने के लिए जातियों को भी तोड़ने का काम कर रही बीजेपी-शुक्ला

कांग्रेस ने बीजेपी के इस कदम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष बालेंदु शुक्ला का आरोप है कि बीजेपी समाज को तोड़ने के लिए जातियों को भी तोड़ने का काम कर रही है। लेकिन मध्य प्रदेश की जनता बीजेपी सरकार के इन झूठे वादों में नहीं फसेगी। 2023 के चुनाव में प्रदेश की जनता और समाज के लोग कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। एक बार फिर बीजेपी को करारी शिकस्त हासिल होगी। व्हीं बीजेपी नेता कमल माखीजानी का आरोप है कि कि बीजेपी का का एकमात्र लक्ष्य है सबका साथ सबका विकास। जिसको लेकर बीजेपी आगे बढ़ रही है। अंत्योदय का मूल मकसद को ध्यान में रख कर सभी समाजों के कल्याण के लिए संकल्पित है।

तैलिक समाज की जनसंख्या 50 लाख

तेलघानी बोर्ड का गठन करने के साथ ही बीजेपी सरकार ने तैलिक समाज के 50 लाख वोटर्स को साधने की कवायद की। साथ ही ऐलान किया गया है कि मां कर्मा के तीर्थ स्थल नरवरगढ़ और मंदसौर के तेलिया तालाब को विकसित किया जाएगा।

27 लाख की आबादी है सोनी समाज की

इधर सोनी समाज की 27 लाख की आबादी पर नगर रखे बीजेपी सरकार ने स्वर्णकला बोर्ड का गठन किया है। विदिशा जिले की शमशाबाद के साथ जबलपुरए पन्ना जिले की पवई और सतना जिले की मैहर के साथ अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र में सोनी समाज का खासा प्रभाव माना जाता है।

विश्वकर्मा समाज की 45 लाख है आबादी

म्प्र में विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है। दरअसल मप्र में 2013 में यह वर्ग बीजेपी के साथ था। 2018 में कांग्रेस ने इस वोट बैंक में सेंध लगाई और सरकार बनाई ऐसे में बीजेपी की शिवराज सरकार ने ऐलान किया है। राज्य में भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया। विश्वकर्मा समाज के कल्याण के लिए योजनाएं भी बनाए जाने का भी ऐलान किया।

रजक समाज आबादी 35 लाख

थ्षवराज सरकार ने रजक कल्याण बोर्ड का गठन सरकार ने रजक समाज की 35 लाख की आबादी पर नजर है। मध्यप्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों में 2 से 10 हजार तक आबादी। इस वर्ग को अनुसूचित जाति में शामिल किया। विधानसभा में साल 1998 इसके बाद 2006 और फिर 2016 में रजक जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का अशासकीय संकल्प भी पारित हो चुका है। बता दें भोपाल के साथ सीहोर और रायसेन में रजक समाज के लोग अनुसूचित जाति में आते हैं। वहीं दूसरे जिलों में इस वर्ग के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है।

पिछली गलती दोहराना नहीं चाहती सरकार

2018 में बीजेपी सरकार ने गलती की थी जिसे अब दोहराना नहीं चाहती। 2018 के चुनाव से पहले एमपी में कांग्रेस विभिन्न समाजों को साधने में सफल हो गई और उसने सरकार बनाई थी। कमलनाथ के साथ यादव, तैलिक , दाऊदी बोहरा, बौद्ध, मीणा, गुर्जर, पाटीदार, बंजारा, कोली, स्वर्णकार, बलाई, कुशवाह, चौरसिया, जाट, कुमावत, धानुक, वंशकार, तंबोली बरई, धनगर और दांगी समाज के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी।

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