पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक सभा को संबोधित किया। जहां वे कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी पर जम कर बरसे। वाशिम में पीएम ने महाविकास अघाड़ी की सरकार और कांग्रेस को निशाने पर लिया। कांग्रेस और उनके सहयोगियों पर न सिर्फ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बल्कि योजनाओं पर रोक लगाने के साथ और झूठे वादे करने की बात कही। इसके साथ ही साथ बंजारा समुदाय के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया।
- महाराष्ट्र में पीएम…कांग्रेस पर निशाना!
- वाशिम में सभा…महाअघाड़ी पर वार!
- बंजारा समुदाय पर अन्याय का आरोप!
- भ्रष्टाचार की कहानी…पीएम की जुबानी!
- झूठे वादे…गलत इरादे!
- योजनाओं में झोल…भ्रष्टाचार का रोल!
- कांग्रेस का एजेंडा देश को विभाजित करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब महाराष्ट्र के वाशिम पहुंचे तो उन्होंने बंजारा विरासत म्यूजियम का शुभारंभ करने के साथ ही कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कांग्रेस का एजेंडा ही देश को विभाजित करने का है। पीएम ने कहा कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार ने किसानों को गरीब और बदहाल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हम केंद्र से परियोजनाओं के लिए पैसा भेजते थे, लेकिन वो उसे खा जाते हैं। बंजारा समुदाय के बारे में बात करते हुए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सरकार ने इस पूरे समुदाय को अपराधी घोषित कर दिया था, लेकिन आजादी के बाद बंजारा समुदाय की देखभाल करना और उन्हें उचित सम्मान देना देश की जिम्मेदारी थी।
भ्रष्टाचार का आरोप…बंजारा समुदाय को सम्मान
साथ ही साथ कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार ने किसानों को गरीब और बदहाल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा महाराष्ट्र के अन्नदाताओं ने कई दशकों तक संकट झेला। वहीं कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों की सरकारों ने किसानों को गरीब और बदहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जब तक राज्य में महाअघाड़ी सरकार थी। उनके पास सिर्फ़ दो एजेंडे थे। पहला था किसानों से जुड़ी परियोजनाओं को रोकना और दूसरा इन परियोजनाओं के पैसे से भ्रष्टाचार करना। एनडीए सरकार केंद्र से परियोजनाओं के लिए पैसा भेजती थी, लेकिन वो उसे खा जाते हैं। हर चुनाव से पहले झूठे वादे करना कांग्रेस का एजेंडा है।
महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और महाअघाड़ी सरकार की ओर से कई योजनाएं बंद कर दी गईं थी। प्रधानमंत्री ने कहा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज सरकार ने इस पूरे समुदाय को अपराधी घोषित कर दिया था। लेकिन गुलामी की जंजीरें तोड़कर आजाद होने के बाद बंजारा समुदाय की देखभाल करना और उचित सम्मान देना तब देश की जिम्मेदारी थी। लेकिन उस दौर में कांग्रेस सरकार की नीतियों के चलते इस समुदाय को मुख्यधारा से अलग रहना पड़ा। आजादी मिलने के बाद जिस परिवार ने कांग्रेस को संभाला उस परिवार की मानसिकता शुरू से ही विदेशी थी। अंग्रेजी सरकार की तरह यह कांग्रेस परिवार ने कभी भी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को अपने बराबर नहीं समझा। उन्हें लगता है कि भारत पर सिर्फ एक ही परिवार का शासन होना चाहिए, क्योंकि यह अधिकार उन्हें अंग्रेज देकर गए थे।