वक्फ संशोधन बिल बना कानून..नहीं थमा विरोध, कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बड़ी बात…
संसद के दोनों सदनों से पारित वक्फ संशोधन बिल 2025 ने कानून का रुप ले लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। लेकिन अब तक इसका सियासी विरोध अब तक नहीं थमा है। वक्फ कानून के खिलाफ अब तक @court supreme में 6 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। उम्मीद है जिन पर जल्द ही सुनवाई होगा। इस बीच राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया तो मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने भी उन्हें जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया है।
- वक्फ संशोधन बिल 2025 बन चुका है कानून
- राष्ट्रपति की ओर से दे दी गई है मंजूरी
- अब तक नहीं था सियासी विरोध
- वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 6 याचिकाएं
- राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध
- सीजेआई ने दिया जल्द सुनवाई का आश्वासन
बता दें एडवोकेट कपिल सिब्बल याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। कपिल सिब्बल ने कहा ‘हम वक्फ कानून में किए गए संशोधनों का विरोध करते हैं। और याचिकाओं की जल्द सुनवाई की मांग करते हैं।
इस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उनसे कहा कि वे जल्द सुनवाई के अनुरोध को लेकर कोर्ट में पहले ही व्यवस्था बनी हुई है। आपको यहां इस तरह इसे रखने की कोई आवश्यकता नहीं थी। सीजेआई ने यह कहा वे दोपहर को इन अनुरोधों को देखेंगे। मामले की सुनवाई पर फैसला लेंगे। इसके साथ ही सीजेआई ने सुनवाई का आश्वासन भी दिया है। बता दें सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अबतक 6 याचिकाएं दायर हुई हैंं याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से जल्दी सुनवाई की मांग करने पहुंचे थे।
दूसरे याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी के साथ निजाम पाशा भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। कानून के खिलाफ सबसे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद की ओर से चार अप्रैल को याचिका दायर की गई थी। उनके अलावा AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ही नहीं आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी वक्फ कानून के संशोधनों की वैधता को चुनौती देते हुए सबसे बड़ी अदालत में याचिका दायर की थी।
एक गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की ओर से भी याचिका दायर की गई है। वहीं केरल के सुन्नी मुस्लिम विद्वानों के धार्मिक संगठन ‘समस्त केरल जमीयत-उल उलेमा’ की ओर से एडवोकेट जुल्फिकार अली पी एस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।..प्रकाश कुमार पांडेय