संपत्ति बचाने के लिए माफिया असंारी ने चले कई दांव
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए कई दांव चले। इसके बाद भी विभिन्न इलाकों में छुपाई गई संपत्ति उजागर होने लगी हैं। आयकर विभाग की टीम ने गाजीपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति जब्त की है। आयकर विभाग ने इस मामले का खुलासा करते हुए माफिया पर शिकंजा कस दिया है। इससे साफ होने लगा है कि अंसारी का संपत्ति छुपाने वाला एक एक दांव असफल होने लगा है।
अंसारी पर पहली बार बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत कार्रवाई
जिन चैकों से भुगतान किया वो नहीं भुनाए गए
रियल स्टेट के कारोबारी के नाम से खरीदी थी संपत्ति
बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई के लिए पुलिस ने किया था अनुरोध
जमीन पर जल्द ही भौतिक कब्जा लेगी आयकर की टीम
आयकर विभाग की इंवेस्टीगेशन विंग ने पहली बार माफिया पर बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत शिकंजा कसते हुए इतनी बड़ी कार्रवाई की है। विभाग को जानकारी मिली थी कि मुख्तार अंसारी की बेनामी जमीन गाजीपुर जिले के कपूरपुर मौजा इलाके में हैं। 12 करोड़ से अधिक कीमत वाली यह जमीन अंसारी ने अपने करीबी रियल स्टेट कारोबारी गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी थी।
पुलिस ने की थी शिकायत
बेनामी संपत्ति को लेकर पुलिस ने आयकर विभाग से शिकयत की थी। जिस पर विभाग ने संपत्ति की जांच करते हुए पहले पूरी जानकारी जुटाई फिर छापा मारकर संपत्ति को जब्त किया। हुआ ये था कि पुलिस ने पहले भी माफियाओं के खिलाफ जांच पड़ताल की थी,जिसमंे पता चला था कि मुख्तार ने गणेश दत्त मिश्रा और उनके पिता शिवशंकर मिश्रा के नाम पर जमीन खरीद रखी है,जब आयकर विभाग ने जांच की तो मामला सही निकला। मिश्रा ने 0.11748 हेक्टेयर और 0.254 हेक्टेयर भूमि सुषमा पत्नी बलदाऊ से खरीदी थी।
चैक दिए पर भुनाए नहीं गए
उपरोक्त संपत्ति के लिए एक अनुबंध पत्र तैयार किया गया था। जिसमें भुगतान दर्शाने के लिए चैक दिए गए थे। बड़ी बात ये है कि इन चैकों को भुगतान के लिए बैंक में जमा ही नहीं किए गए।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
इसके पहले भी पिछले साल अगस्त में मुख्तार अंसारी और उसके तमाम सहयोगियों पर शिकंजा कसा गया था। कई जगहों पर ईडी ने छापे भी मारे थे। इस कार्रवाई के तहत गणेश मिश्रा क के घर और आॅफिस की जांच पड़ताल की गई थी।