लोकसभा के दूसरे चरण के बाद आज 7 में को सुबह 7:00 से मध्य प्रदेश में तीसरे चरण में 9 सीटों पर मतदान जारी है।
मध्यप्रदेश में नौ सीटों पर मतदान जारी
9 लोकसभा सीट 19 जिले
कुल वोटर्स- 1 करोड़,77 लाख, 52 हजार 583
पुरुष मतदाताओं की संख्या -9268987
महिला मतदाताओं की संख्या- 8483105
थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या- 491
85+ के मतदाताओं की संख्या 88 हजार
100+ के वोटर्स- 1,804
18 से 19 साल के मतदाता-525179
कुल मतदान केंद्र- 20,456
क्रिटिकल मतदान केंद्र- 5744
चुनावी मैदान में 127 उम्मीदवार
118 पुरुष और 9 महिलाएं
तीसरे चरण की इन 9 सीटों में से 6 सीट पर बीजेपी मजबूत स्थिति में है जबकि राजगढ़ और मुरैना के साथ ग्वालियर में बीजेपी को इस बार मुकाबला करना पड़ रहा है। पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन सीटों को करीब 10 फ़ीसदी से अधिक के मार्जिन से अपने कब्जे में की थी।
तीसरे चरण की तीन सीट पर कांटे की टक्कर
सीटों में 6 सीट पर बीजेपी स्थिति मजबूत
ग्वालियर में लड़ाई ओबीसी वर्सेस ब्राह्मण के बीच
बीजेपी ने ग्वालियर से भारत सिंह कुशवाहा तो कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को उतारा
राजगढ़ में दिग्विजय बने भाजपा के लिए चुनौती
मुरैना में हार-जीत जातीय समीकरण पर निर्भर
राजगढ़ में दिग्विजय को जीत की तलाश, रोडमल नागर को मोदी की गारंटी से आस
पहले बात करेंगे राजगढ़ लोकसभा सीट की जहां बीजेपी से दो बार के सांसद रोडमल नागर चुनाव मैदान में है। कांग्रेस ने जिन्हें चुनौती देने के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा है। लिहाजा राजगढ़ में दिग्विजय और रोडमल के बीच बराबरी की टक्कर नजर आ रही है। चुनाव का पलड़ा किसी के भी पाले में झुक सकता है ।दिग्विजय सिंह करीब 33 साल बाद चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र को क्षेत्र के गांव गांव में घूम कर अपनी जमीन मजबूत की है। दिग्विजय सिंह लगातार पूरे चुनाव के दौरान बीजेपी को कटघेरे में खड़ा करते रहे। लगातार आरोप लगाते रहे।
वहीं बीजेपी दिग्विजय सिंह को श्री राम मंदिर के मुद्दे पर लगातार कटघरे में खड़ी करती रही। हिंदू विरोधी होने का आरोप भी बीजेपी ने लगाया। आखिर में दिग्विजय सिंह को प्रचार के दौरान यह कहना पड़ा की वह पुराने सनातनी है। बता दें राजगढ़ संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से चार-चार सीट पर बीजेपी कांग्रेस दोनों का प्रभाव है माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह सोशल इंजीनियरिंग करने में सफल रहते हैं तो तस्वीर भी बदल सकती है। दरअसल भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद रोडमल नागर का पार्टी के ही अंदर विरोध भी देखने को मिला है। हालांकि रोडमल नागर को मोदी की गारंटी पर भरोसा है। जिसके नाम पर अब तक वह वोट मांगते आए हैं।
मुरैना में चौका सकते हैं नतीजे
अब बात करेंगे मुरैना संसदीय क्षेत्र की जहां जाति समीकरण ही हार जीत के नतीजे तय करते हैं यहां से बीजेपी ने शिवमंगल तोमर और कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार नीतू को चुनाव मैदान में उतारा है बीजेपी के शिवमंगल सिंह तोमर के लिए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अप्रैल को एक बड़ी सभा की थी जिससे माहौल में गर्माहट भी नजर आई इससे दो दिन पहले 23 अप्रैल को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल सिंह सिकरवार के लिए चुनावी सभा कर माहौल बदलने में कामयाब रही मुरैना संसदीय क्षेत्र विधानसभा सीटों में से एक सीट पर विधायक रामनिवास रावत को बीजेपी तोड़ने में कामयाब हो गई है वहीं पूर्व विधायक बालवीर दंडोतिया भी बीजेपी के खेमे में चले गए हैं ऐसे में बीजेपी को यहां प्राणवायु मिली है लेकिन सतपाल सिकरवार फिर भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दोनों दलों की ओर से जाती है आधार पर ध्रुवीकरण किया गया है। दोनों ही डाल के प्रत्याशी क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी के रमेश गर्ग का उतरना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
ग्वालियर में चुनावी लड़ाई ओबीसी वर्सेस ब्राह्मण पर आई
ग्वालियर लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां पर ओबीसी और ब्राह्मण के बीच मुकाबला नजर आ रहा है। क्योंकि बीजेपी ने भारत को कुशवाहा और कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। जिससे मुकाबला नजदीक का बन गया है। ऐसे में इसे ग्वालियर में ओबीसी बनाम ब्राह्मण की लड़ाई भी कहां जाने लगा है। कुशवाहा को नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी माना जाता है। कांग्रेस को ग्वालियर पूर्व ग्रामीण डबरा और पूरी क्षेत्र में बाधक मिलती नजर आ रही है। ग्वालियर सीट कांग्रेस ने 2004 में जीती थी इसके बाद भाजपा ने जीत दर्ज की कांग्रेस सांसद अशोक सिंह ने इस बार व्यू रचना तगड़ी की है। जिससे कांग्रेस एक झूठ भी नजर आ रही है। लेकिन बीजेपी को मोदी की गारंटी पर भरोसा है। वह इस पर जोर भी लग रही है।