वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भारतीय रेलवे की शान बन चुकी है। 15 फरवरी को भरतीय रेल पटरियों पर दौड़ते दौड़ते वंदे भारत एक्सप्रेस ने चार साल का सफर पूरा कर लिया है। 15 फरवरी 2019 को ही वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली से वाराणसी के बीच पटरी पर दौड़ी थी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था।
अब तक 10 वंदे भारत एक्सप्रेस
देशभर में अलग-अलग मार्ग पर करीब दस वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जा रही हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ अपनी रफ्तार ही नहीं बल्कि अपनी विश्व स्तरीय सुविधाओं के लिए भी पहचान बना चुकी है। शीघ्र ही पटना से रांची के लिए भी वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होगी। इसके शुरू होने से पटना और रांची की दूरी चार घंटे में सिमट जायेगी। फिलहाल आठ घंटे का समय लगता है।
17 राज्यों के 108 जिलों का सफर
देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस फिलहाल 17 राज्यों के 108 जिलों में पटरी पर दौड़ रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से सफर आरामदायक तो हुआ ही है बल्कि यात्रियों के समय की भी बचत हो रही है।
पिछले साल मिली थी 5 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात
बता दें देशभर में कुल 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है। इनमें 2 ट्रेनों की शुरुआत साल 2019 में की गई थी। जबकि इसके बाद साल 2020 और 2021 में कोई नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिली। लेकिन 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ 5 नई वंदे भारत एक्सप्रेस देश को समर्पित कर बड़ी सौगात दी थी। इसके बाद साल 2023 के शुरुआती 2 महीनों के भीतर ही देश को 3 और नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिल चुकी हैं तो कुछ शीघ्र शुरू होने वाली हैं। इसमें तीन बिहार से भी गुजरने वाली हैं।