राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा मप्र में आ चुकी है। बुधवार को यात्रा का पहला दिन था। ऐसे में राहुल गांधी का साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और और बहनोई रॉबर्ट वाड्रा भी मप्र पहुंच। यहां प्रियंका गांधी राहुल के साथ कदमताल कर रही हैं। इस बीच प्रियंका के रॉबर्ट वाड्रा की टीशर्ट की जमकर चर्चा हो रही है।
दरअसल इंदौर एयरपोर्ट पर जब रॉबर्ट वार्डा बुधवार को पहुंचे तो वे महाकाल लिखी हुई टी शर्ट पहने दिखाई दिये। वीडियो सामने आने के बाद रॉबर्ट वाड्रा की टीशर्ट के जमकर चर्चे हुए। साथ ही इसके सियासी मायने भी निकाले जाने लगे हैं। सियासी गलियारों में इसके मैसेज भी लिखे जा रहे हैं।
महाकाल में आस्था या सियासत
रॉबर्ट वाड्रा पहले भी उज्जैन में महाकाल की पूजा के लिए उज्जैन आते रहे हैं। इस बार वह इंदौर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। ऐसे में सवाल है कि उन्होंने महाकाल वाली टीशर्ट क्यों पहनी। क्या इस टीशर्ट से उन्होंने कोई सियासी संदेश देने की कोशिश की है। बता दें वेसे तो रॉबर्ट वाड्रा राजनीति में सक्रिय नहीं है। लेकिन कांग्रेस के खासतोर पर राहुल गांधी के कार्यक्रमों में उन्हें कभी कभार देखा जा सकता है। वहीं विरोधियों के निशाने पर वह अक्सर रहते हैं।
राजनीति के साथ धर्म का तड़का
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जिन इलाकों से गुजर रही है। वह बीजेपी का गढ़ माना जाता है। बीजेपी के इस इलाके में राजनीति के लिए धर्म का तड़का जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों महाकाल लोक का शुभारंभ कर बड़ा संदेश दे चुके हैं। कांग्रेस लगातार इसका काट तलाश रही है। राहुल गांधी भी उज्जैन में अपनी यात्रा के दौरान जनसभा और रैली करेंगे। वहीं रॉबर्ट वाड्रा की टीशर्ट पर त्रिपुंड की तस्वीर के कई मायने निकाले जो रहे हैं। चर्चा है कि टीशर्ट से उन्होंने संदेश देने की कोशिश है कि कांग्रेस हिंदुत्व की राह पर ही चलेगी। मप्र के चुनावों में हिंदुत्व का बड़ा मुद्दा होता है। बीजेपी और आरएसएस धर्म नीति पर लागातार आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस भी इस रास्ते पर चलने की कोशिश कर रही है।
प्रियंका भी लगा चुकी हैं त्रिपुंड
बता दें पिछले लोकसभा चुनाव के समय प्रियंका गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए मप्र आईं थीं। उन्होंने उज्जैन में कमलनाथ के साथ महाकाल मंदिर में पूजा की थी। उन्होंने त्रिपुंड भी लगाया था। यही नहीं यूपी चुनाव के दौरान भी प्रियंका एमपी के दतिया में देवी से आशीर्वाद लेने आई थीं।