वाराणसी में G-20 सम्मेलन,विदेशी देखेंगे यूपी और काशी का विकास मॉडल!

Varanasi g 20

उत्तरप्रदेश के वाराणसी में रविवार से G-20 सम्मेलन की शुरूआत हो गई है। G-20 देशों का से सम्मेलन 13 जून तक होगा। बैठक में 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के 500 से ज्यादा डिप्लोमेट्स शामिल हो रहे हैं। इस महत्पूर्ण सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर एक दिन पहले शनिवार को ही वाराणसी पहुंच गए थे। जयशंकर भारत की ओर से बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 12 जून सोमवार को वर्चुअली रुप से बैठक से जुड़ेंगे। बता दें G-20 समिट को भारत के कूटनीतिक के साथ व्यापारिक संबंधों के मद्देनजर खासा अहम माना जा रहा है।

दिखाएंगे यूपी और काशी का विकास मॉडल

बता दें वाराणसी में विदेशी मेहमानों के स्वागत में प्राचीन गुलाबी मीनाकारी से बने राष्ट्रीय पक्षी मोर को दिया गया। यहां वाराणसी में दुनियाभर से आने वाले प्रतिनिधि अपने-अपने देशों के विकास के मॉडल को पेश करेंगे। इसके साथ ही उन्हें यूपी और काशी के विकास मॉडल को भी दिखाया जाएगा। विदेशी प्रति​निधियों को बताया जाएगा कि किस तरह पिछले 9 साल में वाराणसी में बदलाव हुए हैं। पिछले 9 साल के दौरान कौन कौन से बदलाव हुए इसकी जानकारी दी जाएगी। बताया जाएगा कि किस तरह शहर की विरासत से छेड़छाड़ किये बगैर विकास के कार्यो को अंजाम दिया गया। इसे लेकर यूपी सरकार की ओर से प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा।

दरअसल वाराणसी में किए गए व्यापार, पर्यटन, कला, इतिहास, विरासत के साथ सांस्कृतिक विकास की कहानी भी इस तरह पूरी दुनिया को दिखाया जाएगा। विदेशी डेलीगेट्स के साथ  डेवलपमेंट मिनिस्टर्स को यह भी बताया जाएगा कि पिछले दस साल में काशी ने किस तरह विकास की लंबी छलांग लगाई है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में वाराणसी में और कौन कौन से प्रोजेक्ट्स हैं जो यहां पूरे वाले हैं।

पांच भाषाओं में बताई जाएगी यूपी की विकास गाथा

समिट के दौरान पांच भाषाओं में G-20 में आए मेहमानों को यूपी के विकास के साथ संस्कृति की गाथा बताई जाएगी। इसके साथह ही पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए अलग से कॉफी टेबल बुक को गिफ्ट हैंपर की तरह सजाया गया है और तैयार किया गया है। इसमें पिछले दस साल में उत्तरप्रदेश के साथ वाराणसी में किए गये विकास की तस्वीर दिखाई जाएगी। इसके साथ ही सभी बीस बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इन देशों के मिनिस्टर्स भी अपने-अपने देशों के विकास  मॉडल को समिट के दौरान पेश करेंगे।

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