उत्तरप्रदेश में जहां बीजेपी सरकार और संगठन में जारी असंतोष के बीच कांवड़ यात्रा पर सियासत गरमा गई है। योगी सरकार के एक आदेश ने विपक्ष ही नहीं एनडीए के सहयोगी दलों को भी विरोध करने पर मजबूर कर दिया है।
यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले सियासत शुरु
- योगी के आदेश से नाराज हुए सहयोगी
- विवादों में कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार का आदेश
- विपक्ष ही नहीं एनडीए के सहयोगी दल भी खफा
- प्रियंका बोलीं-यह लोकतंत्र पर हमला है
- एनडीए के तीन प्रमुख सहयोगी नाराज
- लोजपा प्रमुख चिराग ने जताई असहमति
- 22 जुलाई से प्रारंभ होगी कांवड यात्रा
- 19 अगस्त तक रहेगी यात्रा जारी
- यूपी सरकार के आदेश पर विवाद
- कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी में कलह
- यूपी में हर साल सड़क पर उतरते हैं 4 करोड़ कांवड़िए
दरअसल कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों में खासकर खाद्य सामग्री के दुकान संचालकों को दुकान के बाहर बोर्ड में अपना नाम लिखना होगा। इस बोर्ड में दुकान मालिक का नाम ही नहीं दूसरी डिटेल लिखने के आदेश योगी सरकार की ओर से जारी किये गये हैं। शुक्रवार 19 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश दिया है। सरकार का तर्क है कि कांवड़ यात्रियों की सुचिता बनाए रखने और किसी तरह के विवाद से बचने के लिए ही यह फैसला लिया है। इसके अलावा बगैर सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
योगी के बाद धामी सरकार ने भी जारी किया आदेश
उत्तरप्रदेश से लगे हुए उत्तराखंड के हरिद्वार में भी कुछ इसी तरह का आदेश लागू कर दिया गया है।
तीन सहयोगी दल ने जताया विरोध
योगी और धामी सरकार के इस आदेश के खिलाफ अब एनडीए के तीन सहयोगी दल खुलकर सामने आ गए हैं। राष्ट्रीय लोकदल ने इस तरह के आदेश को गलत परंपरा बताया, तो लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने फैसले का समर्थन करने से ही इनकार कर दिया है।
विपक्ष को मिल गया मुद्दा
वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को बैठे बिठाए एनडीए और बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया। उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि योगी सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। राय ने कहा यह अव्यावहारिक आदेश है। इसे तत्काल निरस्त करना चाहिए।
इधर बसपा सुप्रिमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी इस तरह के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है। मायवती ने कहा यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। इतना ही नहीं यह धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बहिष्कार करने का भी प्रयास है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र पर बड़ा हमला करार दिया है। जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने योगी सरकार के फैसले का समर्थन किया है।
यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब यह है कि दुकान संचालक का धर्म और जाति पता चल सकेगी। बता दें इस बार 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली जो आने वाली 19 अगस्त तक जारी रहेगी।
JDU बोली बिहार में भी निकलती है कांवड़
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा यूपी से बड़ी कांवड़ यात्रा तो बिहार में निकलती है। लेकिन इस तरह का कोई भी आदेश वहां जारी नहीं किया है। त्यागी ने कहा यूपी की योगी सरकार का आदेश पीएम मोदी की जो व्याख्या भारतीय समाज को लेकर है, NDA के बारे में जो विचार है कि सबका साथ और सबका विकास, सबका विश्वास यह उसका विरोधी है।
योगी सरकार का प्रतिबंध इस नियम के विरुद्ध में है। बिहार में इस तरह का कोई आदेश नहीं है। राजस्थान से भी कांवड़ गुजरेगी वहां भी बीजेपी की सरकार है लेकिन वहीं इस तरह का आदेश जारी नहीं किया है। ऐसे में योगी सरकार को अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए।