उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को जमकर कोसा। आरक्षण के मुद्दे पर सपा को घेरते हुए समाजवादी पार्टी के पीडीए को फर्जी पीडीए की बताया। साथ ही साथ जातिवाद का ज़हर फैलाने की बात की है। आखिर क्यों समाजवादी पार्टी के पीडीए को फर्जी पीडीए करार दिया है।
- विधानसभा में डिप्टी सीएम का प्रहार
- सपा के पीडीए को बताया फर्जी पीडीए
- कहा-सपा जातिवाद का जहर घोलती है
- सपा सरकार में एक ही जाति पर फोकस
- असली पीडीए सत्ता पक्ष की ओर
विधान परिषद में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने सपा करारा प्रहार किया है। सपा के पीडिए को फर्जी पीडीए बताते हुए विधान परिषद में सत्ता पक्ष की ओर बैठे सदस्यों की ओर इशारा करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा यह असली पीडीए है। साथ ही साथ सपा पर जातिवाद का ज़हर फैलाने का आरोप भी लगाया।
संकट में सपा का पीडीए फॉर्मूला
बता दें सपा प्रमुख अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 में पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए फॉर्मूला बनाकर लोकसभा की सीटों पर जीत का मार्जिन बढ़ाने में कामयाब रहे हैंं। उस समय दलित समाज का अच्छा खासा वोट समाज वादी पार्टी के पक्ष में गया था। पार्टी ने अब इसी फॉर्मूले पर यूपी में 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की है। ऐसे में यूपी के मथुरा में दलित समाज की दो बहनों के साथ जिस तरीके से यादव समाज के लोगों ने मारपीट की। उन्हें जाति सूचक गंदी गंदी गालियां दी हैं। उससे यूपी में दलित समाज का विश्वास अखिलेश की पार्टी से डगमगा सकता है। अखिलेश ने हालाांकि अब तक भले ही इस मुद्दे पर कुछ न बोला हो लेकिन अपनी पार्टी के स्थानीय नेताओं को उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने में जुटा दिया है।
गुंडई करने वालों से सपा तोड़ेगी नाता
मथुरा की इस घटना को लेकर पार्षद राकेश यादव की अगुवाई में बैठक की गई। इस दौरान घटना को निंदनीय करार देते हुए गुंडई करने वालों से अपना नाता तोड़ने और प्रायश्चित स्वरूप विवाह करने में पूरी पूरी मदद का आश्वासन दिया है। मथुरा में सपा के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह यादव भी पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का भरोसा देते नजर आ रहे हैं। इस तरह से विरेन्द्र सिंह यादव की कोशिश है कि मामले को दलित बनाम यादव होने से किसी तरह भी रोका जा सके । जिससे सपा के पीडीए फॉर्मूले पर खतरा न आ सके।