यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवम्बर को मतदान है। इनमें दो विधानसभा सीटों पर सबसे अधिक चर्चा हो रही है। पहली करहल विधानसभा सीट और दूसरी कटेहरी विधानसभा सीट। यूपी की इन्हीं दोनों सीटों पर सियासी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।
यूपी में उपचुनाव का संग्राम!
- करहल में जीजा-साला आमने-सामने!
- कटेहरी में ओबीसी गणित का खेल!
- सपा-बीजेपी में सीधी टक्कर!
- सपा को सीट बचाने की चुनौती
- बीजेपी की कब्जे की रणनीति!
यूपी की करहल विधानसभा सीट सपा की गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर वर्ष 2022 में खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़े थे। उनके सामने बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी थी, परंतु जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाई थी। अखिलेश यादव ने 67 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्हें यह सीट त्यागना पड़ा।
करहल विधानसभा सीट
किसके बीच टक्कर ?
- बीजेपी- अनुजेश प्रताप सिंह
- सपा- तेज प्रताप यादव
- बसपा- अवनीश कुमार शाक्य
मतदाता
- कुल मतदाता- 3,82,378
- पुरूष मतदाता- 2,07,457
- महिला मतदाता- 1,74,917
जातीय समीकरण
- यादव-1 लाख 30 हजार
- अनुसूचित जाति- 60 हजार
- शाक्य- 50 हजार
- ठाकुर- 30 हजार
- पाल और बघेल- 30 हजार
- मुस्लिम-25 हजार
- लोधी- 20 हजार
- ब्राह्मण-20 हजार
- बनिया समाज-15 हजार
करहल सीट पर पिछले चुनावी नतीजे
विधानसभा चुनाव प्रत्याशी दल का नाम कुल वोट
2022 अखिलेश यादव सपा 1,48,196
डॉ.एसपी सिंह बघेल बीजेपी 80,692
कुलदीप नारायण बसपा 15,701
2017 सोबरन सिंह यादव सपा 1,04,221
रमा शाक्य बीजेपी 65,816
दलवीर बसपा 29,676
2012 सोबरन सिंह यादव सपा 92,536
जयवीर सिंह बसपा 61,593
अनिल कुमार यादव बीजेपी 13,114
2007 सोबरन सिंह सपा 52,471
रमेश बसपा 35,142
शिशुपाल सिंह कांग्रेस 18,245
अखिलेश के गढ़ करहल में उपचुनाव का सियासी संग्राम
करहल विधानसभा क्षेत्र सपा प्रमुख अखिलेश यादव का गढ माना जाता है। इस सीट पर उपचुनाव का दंगल शुरू हो चुका है। सपा का सबसे मजबूत अखाड़ा मानी जाने वाली इस सीट पर पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव मैदान में उतारे हैं। दूसरी तरफ बीजेपी से उनके फूफा यानि चाचा धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में राजनीति की कुश्ती रोमांचक हो चुकी है।
कटेहरी में 1991 के बाद नहीं जीती बीजेपी
बात करें अंबेडकर नगर जिले की कटेहरी विधानसभा सीट की तो से सीट पर साल 1991 को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी यहां से जीत दर्ज नहीं करा सकी। 2022 में सपा के लालजी वर्मा विधायक चुने गए थे। सपा के लालजी वर्मा ने बीजेपी के अवधेश द्विवेदी को हराया था। लोकसभा चुनाव 2024 में लालजी वर्मा अंबेडकर नगर से सांसद चुन लिए गए। जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी। अर्थात ये दोनों सीटे सपा अपने पास रखने के लिए जोर लगा रही है। वहीं बीजेपी इन दोनों सीटों पर कब्जा जमाने की जुगत में लगी है। इन्हीं दोनों के सियासी गणित को समझने कोशिश करेंगे।
कटेहरी में किसके बीच टक्कर ?
- बीजेपी- धर्मराज निषाद
- सपा- शोभावती वर्मा
- बसपा- अमित वर्मा
कटेहरि में मतदाता
- कुल मतदाता- 4 लाख
- पुरूष मतदाता- 2,10,568
- महिला मतदाता-1,90,306
जातीय समीकरण
- अनुसूचित जाति-95 हजार
- ब्राम्हण-50 हजार
- क्षत्रिय 30 हजार
- कुर्मी-47 हजार
- मुस्लिम- 40 हजार
- यादव- 22 हजार
- निषाद- 30 हजार
- मौर्य-10 हजार
- राजभर-20 हजार
- बनिया-15 हजार
- पाल-7 हजार
- कुम्हार-6 हजार
- नाइ-8 हजार
- चौहान-5 हजार
- विश्वकर्मा-4 हजार
- अन्य-10,285
2022-जनादेश
- जीते- लालजी वर्मा,सपा
- हारे- अवधेश द्विवेदी,बीजेपी
कटेहरि सीट का इतिहास
- 1957- लोकनाथ सिंह, कांग्रेस
- 1962- रघुनाथ सिंह,सोशलिस्ट पार्टी
- 1967- रामनारायण त्रिपाठी, कांग्रेस
- 1969- भगवती प्रसाद शुक्ल, कांग्रेस
- 1974- भगवती प्रसाद शुक्ल, कांग्रेस
- 1977- रवीन्द्र नाथ तिवारी, जनता पार्टी
- 1980- जिया राम शुक्ल, कांग्रेस (आई)
- 1985- रवीन्द्र नाथ तिवारी,जनता पार्टी
- 1989- रवीन्द्र नाथ तिवारी,जनता दल
- 1991- अनिल कुमार तिवारी,बीजेपी
- 1993- राम देव वर्मा,बसपा
- 1996- धर्म राज निषाद,बसपा
- 2002- धर्म राज निषाद,बसपा
- 2007- धर्म राज निषाद,बसपा
- 2012- शंखलाल माझी,सपा
- 2017- लालजी वर्मा,बसपा
- 2022- लालजी वर्मा,सपा
कटेहरि विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
- विकास और बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा
- कटेहरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन न रुकना मुद्दा
- कटेहरी को नगर पंचायत बनाने की मांग
- रोजगार के साधन न के बराबर
- इस क्षेत्र में रोजगार का साधन सिर्फ कृषि
- ख़राब सड़के,बिजली, पानी भी एक मुद्दा
बसपा को कटेहरी में उम्मीद
अंबेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में तीनों प्रमुख दलों ने ओबीसी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें बीजेपी ने बसपा सरकार में मंत्री रहे धर्मराज निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि सपा ने शोभावती वर्मा और बसपा ने अमित वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर कुर्मी और निषाद जाति के वोटर लगभग बराबर की संख्या में हैं। दोनों ओबीसी जातियों में गठजोड़ न हो शायद इसलिए बीजेपी ने ये फैसला लिया है। बीजेपी ने पिछले चुनावों से सबक लेते हुए जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की है। जिसकी वजह से इस सीट पर उपचुनाव में मुकाबला काफी दिलचस्प दिख रहा है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)