यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवम्बर को मतदान हैं। इनमें हम दो विधानसभा सीटों पर चर्चा करेंगे। पहली विधानसभा सीट है गाजियाबाद और दूसरी विधानसभा सीट है मुजफ्परनगर जिले की मीरापुर में इन्हीं दोनों सीटों पर सियासी चर्चा जारी है।
- विधानसभा उपचुनाव…20 नवम्बर को मतदान!
- गाजियाबद विधानसभा का क्या है हाल!
- जनता का क्या है मिज़ाज?
- जनता करेंगी बदलाव…?
- या बीजेपी का दबदबा रहेगा बरकरार!
- मीरापुर विस सीट पर क्या होगा कमाल?
- कौन जीतेगा जंग…किसकी होगी हार?
- जातीय समीकरण किसके साथ फिट?
- किसके साथ अनफिट?
गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर बीजेपी के अतुल गर्ग 2022 में एक लाख पाँच हजार पांच सौ सैंतीस वोटों से विजयी हुए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अतुल गर्ग को अपना प्रत्याशी बनाया और वो जीते भी। ऐसे में विधानसभा शहर सीट अभी खाली है। सन 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अतुल गर्ग तकरीबन डेढ़ लाख वोट पाकर पहले स्थान पर तो दूसरे स्थान पर सपा पार्टी के विशाल वर्मा को तकरीबन 44 हजार वोट मिले थे और जूसरे स्थान पर रहे। बसपा के केके शुल्क को तकरीबन 33 हजार वोट मिले थे। जबकि कॉंग्रेस के शुशांत गोयल 11 हजार वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव 2024 में रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन रहा। जिसके चलते विधायक चंदन सिंह चौहान को रालोद ने बिजनौर सीट से चुनाव लड़ाया। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की और सपा प्रत्याशी दीपक सैनी को हराया। इसी कारण मीरापुर विधानसभा सीट रिक्त हुई है और अब उपचुनाव होना है।
वहीं मुजफ्परनगर की मीरापुर विधानसभा चुनाव 2022 में रालोद प्रत्याशी चंदन सिंह चौहान ने बीजेपी प्रत्याशी प्रशांत चौधरी को 27 हजार 380 वोटों के अंतर से हराया था। रालोद प्रत्याशी को 1 लाख 7421 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी प्रत्याशी को 80,041 वोट हासिल हुए थे। तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी मोहम्मद सलीम रहे थे। उनको 23,797 वोट मिले थे। उधर आजाद समाज पार्टी कांशीराम प्रत्याशी को महज 1 हजार 628 वोट ही मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जमील अहमद उससे थोड़े ज्यादा 1258 वोट पाकर पांचवें स्थान पर रहे थे। लोकसभा चुनाव 2024 में रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन रहा। जिसके चलते विधायक चंदन सिंह चौहान को रालोद ने बिजनौर सीट से चुनाव लड़ाया। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की और सपा प्रत्याशी दीपक सैनी को हराया था। इसी कारण मीरापुर विधानसभा सीट रिक्त हुई है और अब उपचुनाव होना है। इन्हीं दो सीटों पर सियासी चर्चा जारी है।
उपचुनाव का संग्राम, जानें क्या जनता चाहती है बदलाव
यूपी के सबसे चर्चित उपचुनाव में से एक गाजियाबाद उपचुनाव पर सबकी नजर लगी हुई हैं। यहां 20 नवंबर को उपचुनाव होने है। इसे लेकर सभी प्रत्याशी ने अपनी-अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार दिया है। यहां बीजेपी ने संजीव शर्मा, गठबंधन से सपा के प्रत्याशी सिंहराज जाटव, बसपा से पीएन गर्ग, एआईएमआईएम ने रवि गौतम को अपना प्रत्याशी बनाया है। गाजियाबाद उपचुनाव को लेकर जहाँ एक ओर लोग भाजपा की जीत मानकर चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि इस बार जनता बदलाव चाहती है।
मीरापुर विधानसभा सीट की राजनीति बहुत दिलचस्प है। क्योंकि यह सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है और अब यहाँ एक नया राजनीतिक समीकरण सामने आया है। मीरापुर में इस बार चार मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसके कारण मुस्लिम वोटरों में बिखराव दिख रहा है। जबकि एनडीए गठबंधन की हिंदू उम्मीदवार मिथलेश पाल, इस बार चुनावी मैदान में हैं। वहीं, मिथलेश पाल की बात करें तो उन्होंने भी पहले मोरना विधानसभा सीट से रालोद के टिकट पर उपचुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
मीरापुर: मिथलेश पाल और संबुल राणा के बीच सीधी टक्कर
इस बार पूरा फोकस इस मीरापुर सीट पर हो रहे उपचुनाव पर है। वे एक बार फिर उपचुनाव में जीत के लिए पसींना बहाते नजर आ रहे हैं। बता दें मिथलेश पाल वर्तमान में भाजपा में हैं, इससे पहले वे राष्ट्रीय लोकदल ही नहीं समाजवादी पार्टी में भी रह सियासी राह तलाश चुकी हैं। साल 1995 में बसपा से जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं थी जहां से उन्होंने अपना राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वहीं, इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा भी चुनावी मैदान में हैं। सुम्बुल राणा बसपा के वरिष्ठ नेता मुनकाद अली की पुत्री हैं। मिथलेश पाल और संबुल राणा के बीच की यह सीधी टक्कर मीरापुर के इस उपचुनाव को दिलचस्प बना रही है। सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा के ससुर कादिर राणा पुराने राजनेता है जो पूर्व में विधायक और मुजफ्फरaनगर से एक बार सांसद रह चुके हैं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)