उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य जोरों-शोरों पर चल रहा है। अगर बात करें निर्माण कार्य की तो क्या आप जानते हैं मंदिर निर्माण के दौरान उसकी सुरक्षा में इस तरह के इंतजाम किये गये हैं कि यदि रामनगरी में 6.5 की तीव्रता वाला भूकंप भी आ जाए तो मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। मतलब ये मंदिर इमारत भूकंप के इतने तेज झटके को भी आसानी से झेल सकती है। वहीं, मंदिर करीब 1000 हजार साल तक भी ज्यो भी त्यो टिका रह सकता है। आप भी यह पढ़कर चौक गए होंगे लेकिन यह पूरी तरह से सच है, तो चलिए हम आपको मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़ी थोड़ी कुछ अहम जानकारी देते हैं।
- प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां हुईं पूरी
- 22 जनवरी को होगा भव्य आयोजन
- मंदिर में स्थापित की जाएगी रामलला की प्रतिमा
- पीएम नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में संपन्न होगा प्राण प्रतिष्ठा विधि
- मंदिर के निर्माण में सुरक्षा के विशेष इंतजाम
- भूकंप रोधी है यह मंदिर
- 6.5 की तीव्रता वाला भूकंप में भी खड़ा रहेगा राम मंदिर
- 1000 साल तक सुरक्षित रहेंगी मंदिर की दीवारें
भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह से तैयारी की जा रही है। उसी तरह से मंदिर के निर्माण पर भी लोगों की नजर हुई है। बता दें, प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम खत्म होते ही आमजन अगले दिन से 23 जनवरी से मंदिर में अपने प्रभु के दर्शन कर सकते हैं। वहीं मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी खास इंतजाम किये गये हैं।
मंदिर निर्माण में क्या खास किया गया है?
मंदिर के पित्तर को मोटाई बढ़ाई गई है और दीवारों पर भारी पत्थर भी लगाए है। मंदिर की नींव को भारी पत्थरों से मजबूत बनाया गया है। वहीं पूरे मंदिर को ऊपर बने शिखर से लेकर नीचे मंदिर की नींव तक एक ऐसी मजबूती दी गई है, जिससे यह मंदिर भूकंप के तेज झटकों को भी असानी से झेल सकता है। भूकंप भी आ जाए तो मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
इन शहरों से लाए गए हैं पत्थर
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में करीब 17 हजार ग्रेनाइट स्टोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिनमें से हर एक का वजन करीब 2 टन के आसपास है। वहीं नींव बनाने के लिए मिर्जापुर से 4 लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर लाए गए हैं। इसके अलावा राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से भी एक लाख क्यूबिक फीट संगमरमर लाया गया है। जिसका भी इस्तेमाल किया गया है। वहीं मंदिर की कला को उभारने के लिए केरल ही नहीं राजस्थान के स्थानीय लोक कलाकर यहां करीब 4500 विभिन्न प्रकार की मूर्तियां बना रहे हैं। राम मंदिर को इस तरह तैयार किया गया है कि यहां आने वाला व्यक्ति खुद को त्रेतायुग में पाएगा।
आम लोग इस दिन कर सकेंगे दर्शन
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भगवान श्री राम के मंदिर को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दिन यानी 23 जनवरी से सभी को दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। यानी ना केवल देश से बल्कि विदेशों से भी लोग अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं। दर्शन के लिए समय सुबह 7 बजे से 11 बजकर 30 मिनट तक रखा गया है। राम मंदिर में प्रथम बेला के दर्शन के बाद यहां मंदिर में दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन का समय तय किया गया है। इस समय श्रद्धालु बगैर किसी बाधा और किसी रोकटोक के अपने प्रभु श्री राम के दर्शन कर सकते हैं। हालांकि मौसम और तात्कालीन परिस्थतियों में समय में बदलाव भी देखने को मिल सकता हैं। ऐसे में अपने अयोध्या जाने से पहले एक बार यह जरूर जानकारी ले लें।