अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा के मायने…भारत के पास टैरिफ चार्ज और दूसरे मुद्दों पर चर्चा का सुनहरा अवसर…

US Vice President visit to India means a golden opportunity for India to discuss tariff charges and other issues

अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा के मायने…भारत के पास टैरिफ चार्ज और दूसरे मुद्दों पर चर्चा का सुनहरा अवसर…

अमेरिका की गद्दी पर जब से डोनाल्ड ट्रंप बैठे हैं उसके बाद से दुनिया भर में टैरिफ वॉर को लेकर चर्चा हो रही है। दुनियाभर के तमाम देशों पर ट्रंप के अनाप-शनाप टैरिफ ने ग्लोबल इकॉनमी में एक तरह से हलचल पैदा कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस झटके से भारत भी नहीं बच सका है।

पीएम मोदी और जेडी वेंस के बीच हुई मुलाकात

दिल्ली स्थित 7 लोक कल्याण मार्ग पर पीएम आवास पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच मुलाकात हुई। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने जेडी वेंस की पत्नी और उनके बच्चों से भी मिले। वेंस परिवार का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।पीएम आवास में वेंस परिवार के लिए बाकायदा रेड कार्पेट बिछाया गया था।
अमेरिका की ओर से भारत पर भी 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैक्स लगाने का ऐलान किया गया है। डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान के बीच उनके राइट हैंड माने जाने वाले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस चार दिन के भारत दौरे पर हैं। जेडी वेंस और भारतीय मूल की उनकी पत्नी उषा चिलुकुरी भी तीन बच्चों के साथ भारत आईं हैं। टैरिफ टेंशन के साथ अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर के बीच उपराष्ट्रपति वेंस का यह भारत दौरा कई मायनों में अहम है। खासकर भारत को इस मौके का लाभ उठाने और इसे भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए।

चीन-अमेरिका के बीच अपने चरम पर टैरिफ वॉर

इस समय चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर अपने चरम पर है। चाईना के 125 फीसदी टैरिफ के जवाब में अमेरिका की ओर से चीन के आयात पर 245% तक टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से दोनों ही देशों के बीच एक तरह से ट्रेड वॉर छिड़ गई है, जो चरम पर है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका का विकल्प तलाशने के उद्देश्य से पूर्वी एशियाई देशों वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया का दौरा कर रहे हैं। वहीं अमेरिका को चीन के खिलाफ भारत एक सशक्त साझेदार देश के रूप में दिखाई दे रहा है।
दूसरे देशों के मुकाबले अमेरिका की ओर से भारत के खिलाफ कम टैरिफ का ऐलान किया गया है। वहीं 90 दिनों का रेस्टिंग पीरियड भी अमेरिका ने दिया है। दोनों देशों के बीच रक्षा और व्यापार के साथ तकनीक और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग निरंतर आगे बढ़ रहा है। केवल इतना ही नहीं एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए भी अमेरिका भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करना चाहता है। ऐसे समय में अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस का भारत दोरा कई मायनों में अहम है।

भारत पर भी पड़ी टैरिफ की मार

भारत पर भी अमेरिका के टैरिफ की मार पड़ी है। करीब 10 प्रतिशत के बजाए भारत पर 26 फीसदी टैरिफ का एलान किया गया है। भले ही भारत को 90 दिनों की मोहलत दी गई है, लेकिन इसके बाद भी भारत की यही कोशिश है कि टैरिफ के मामले में उसे और अधिक रियायत मिले। चूंकि अमेरिका के उपराष्ट्रपति इस समय भारतीय मूल की अपनी पत्नी के साथ भारत की यात्रा पर हैं तो ऐसे में भारत की पूरी कोशिश होगी कि वह डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर कुछ राहत हासिल कर सके। भारत सरकार की यह कोशिश होगी कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की यात्रा के दौरान वो टैरिफ पर कुछ राहत का आश्वासन हासिल कर सके।…प्रकाश कुमार पांडेय

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