पटना। जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा की हालत जानकार ठीक नहीं बता रहे हैं। उनको लेकर काफी समय से खींचतान जारी है। एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह भी उपेंद्र कुशवाहा से समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
- उपेंद्र कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी जेडीयू को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है
- इस बैठक को लेकर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी है
- बैठक में कोई भाग नहीं ले पाए, इस पर पार्टी पूरी नजर रख रही है
- उपेंद्र कुशवाहा की बैठक के दिन स्पष्ट हो जाएगा कि इस बैठक में कौन-कौन भाग ले रहा है और इस पर जेडीयू क्या एक्शन लेती है?
कुशवाहा ने फोड़ा था लेटर-बम
उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को जेडीयू कार्यकर्ताओं के नाम पर एक पत्र लिख कर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कमजोर होती जेडीयू के लिए बैठक बुलाई है। चिट्ठी में उन्होंने और भी बहुतेरी बातें लिखी हैं। उन्होंने कमजोर होती जेडीयू और नीतीश कुमार की अनदेखी के साथ ही आरजेडी से हुई डील का भी जिक्र किया है।
वहीं, नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर सोमवार को कहा कि वो जो भी बोलें, उन पर कुछ बोलने की जरूरत नहीं है. उनके जाने से पार्टी को कुछ होने वाला है क्या? हम उनको कितना आगे बढ़ाए. एमएलए बना दिए, पार्टी का लीडर बनाए वह दो बार भागे फिर तीसरी बार आ गए तो हम क्या बोले.
ललन सिंह भी नाराज
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अभी सिर्फ एमएलसी हैं। ललन सिंह ने कहा कि इस वक्त जेडीयू का संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई नहीं है, अभी राष्ट्रीय पदाधिकारी और प्रदेश पदाधिकारी नहीं हैं। नई सूची मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विमर्श कर जारी होगी।
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि जेडीयू नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी पार्टी है। हमारी तो सब पर नजर है।