यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की पुलिस इन दिन जिस शाइस्ता परवीन को पकड़ने के लिए राज्य की खाक छान रही है। उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया है। इन दिनों अपराध की दुनिया में अतीक अहमद की बेवा शाइस्ता परवीन के ही चर्चे हैं, लेकिन हम आपको बता दें शाइस्ता से भी ज्यादा खतरनाक और चर्चित और इनामी नाम है अफशा अंसारी का।
- यूपी में दो महिलाओं के चर्चे
- अपराध की दुनिया की सरताज हैं शाइस्ता और अफशां
- अफशां पर है शाइस्ता से अधिक 75 का इनाम
- अंडरग्राउंड रहकर संभाल रही डॉन मुख्तार अंसारी का काम
बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां लंबे समय से फरार है। जिसकी तलाश में यूपी पुलिस दरदर भटक रही है। उस पर शाइस्ता से अधिक 75 हजार का इनाम घोषित कर रखा है। बता दें पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां साल 2005 से अपने पति के अवैध जबरन वसूली और अपराध का साम्राज्य संभाले हुए है। यूपी पुलिस ने अफशां अंसारी की गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार कर दी है। ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस सहित 9 एफआईआर में अफशां अंसारी का नाम दर्ज हैं। हालांकि, डॉन की पत्नी कारोबारियों को फोन पर सीधी धमकी देने से दूर रही है।
अफशां के खिलाफ हैं कई आपराधिक प्रकरण दर्ज
अफशां के खिलाफ मुहम्मदाबाद कोतवाली, गाजीपुर कोतवाली, मऊ,नंदगंज, लखनऊ में भी कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं लेकिन कोर्ट में पेश नहीं होने और लगातार मिल रहे नोटिस के बाद भी फरार है। जिसके चलते 20 अप्रैल को मऊ पुलिस ने भी अफशां की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। जबकि गाजीपुर में गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन पर बलपूर्वक अवैध कब्जा करने के केस में अफशां पर पहले ही 25 हजार का इनाम घोषित था। पिछली 19 अप्रैल को गाजीपुर पुलिस ने इनाम की रकम बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी। इस तरह अफशां अंसारी की गिरफ्तार को लेकर यूपी पुलिस करीब 75 हजार रुपए का इनाम घोषित कर चुकी है।
गैंगस्टर एक्ट में की जा रही कार्रवाई
वहीं पुराने केस को आधार बनाते हुए ही पिछले साल 31 जनवरी 2022 को दर्ज इस केस में अफशां के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मुख्तार अंसारी के जेल जाने के बाद उसके इंटर स्टेट- 191 गैंग का पूरा कामकाज को अफशां अंसारी ही देख रही थी। इस गैंग के सरगना के तौर पर अफशां ने मऊ और गाजीपुर में कई जमीनों को कब्जाया है। इनमें गाजीपुर में गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन कब्जाने का मामला भी शामिल है।