यूपी निकाय चुनाव, सीएम योगी को मिला पसमांदा मुस्लिमों का साथ
जब कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत का जश्न मना रही थी उस समय यूपी में बीजेपी और उसके नेता भी खुशी मना रहे थे। दरअसल यूपी नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। सभी 17 नगर निगमों में बीजेपी के महापौर चुनकर आए हैं। इससे भी बड़ी खुशी बीजेपी में इस बात की है कि उसे मुस्लिम पसमांदा समुदाय का साथ मिला है। आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में बीजेपी को पसमांदा मुस्लिम समुदाय का साथ मिलने से पार्टी के कर्णधार खुश हैं।
- बीजेपी ने मैदान में उतारे थे 350 मुस्लिम उम्मीदवार
- 90 प्रतिशत पसमांदा मुस्लिम समुदाय से जुड़े
- बड़ी संख्या में जीते मुस्लिम प्रत्याशी
बता दें नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की ओर से पहली बार 350 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। जिनमें 90 प्रतिशत पसमांदा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। नगर निगम में पार्षद उम्मीदवार, नगर पालिका की छह अध्यक्ष और सभासद सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे। वहीं नगर पंचायत में अध्यक्ष पद की 38 सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे गए। पश्चिमी यूपी की बात करें तो 18 नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में थे। अवध क्षेत्र में छह, ब्रज क्षेत्र में 8, गोरखपुर क्षेत्र में दो मुस्लिमों को प्रत्याशी बनाया था। बीजेपी को लखनऊ, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर, शामली, जौनपुर सहित कई जिलों में सभासद और पार्षदों के टिकट भी मुस्लिमों को दिए गए थे। बीजेपी का ये प्रयोग सफल रहा। कई सीटों और मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर बीजेपी को जीत मिली है। योगी कैबिनेट में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने दावा किया है कि निकाय चुनावों में पार्टी ने असाधारण प्रदर्शन मुस्लिम पसमांदा समुदाय की वजह से किया है। उनका कहना है पसमंदा मुस्लिम समुदाय तक बीजेपी की पहुंची है। मंत्री अंसारी का कहना है पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसमांदा समुदाय तक पहुंचने के निर्णय से ही चुनाव में ये असाधारण परिणाम सामने आए हैं।
मुस्लिमों में 80 से 85 फीसदी पसमांदा समुदाय
बता दें कि मुस्लमानों में कम से कम 80 से 85 प्रतिशत लोग पसमांदा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यही वजह है कि चुनाव उनका वोट काफी मायने रखता है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि पसमांदा समुदाय को प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ राशन योजना का लाभ मिला है। जिससे वे बीजेपी से प्रभावित हुए और पक्ष में वोटिंग की।
मुसलमान नहीं बनना चाहता वोट बैंक
मंत्री दानिश आजाद अंसारी का कहना है कि मुस्लिम समुदाय ने अब फैसला किया है कि उन्हें अब कोई केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता। बीजेपी के साथ जुड़ने का उनका निर्णय यह इशारा करता है कि मुसलमान अब विकास में विश्वास करते हैं। मंत्री का दावा है कि मुसलमान बाहुल क्षेत्रों में बीजेपी जीती है। उन्हें खुशी है कि पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में वोट करने आए। बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत में योगदान दिया। मंत्री ने कहा पार्टी ने इस बार अध्यक्ष पद के लिए 20 और पार्षद पद के लिए 300 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और इसके परिणाम भी बहुत उत्साहजनक रहे हैं। बता दें दो महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी महासचिव धर्मपाल सैनी और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह से उन्होंंने चर्चा की थी। इस दौरान कहा था कि वे उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करेंगे। इसके बाद ही निकाय चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया गया था। मंत्री अंसारी ने कहा कि वे इतनी बड़ी तादाद में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का अभार जताते हैं।