भारतीय जनता पार्टी हर एक चुनाव को पूरी गंभीरता और ताकत से लड़ती है। यही खूबी भाजपा को भाजपा बनाती है। जिसकी दम पर कई राज्यों में कामयाब भी हुई है। कुछ इसी तरह की रणनीति के तहत भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। इसके लिए अभी से गांव गांव जाकर लोगों को बता रही है कि केंद्र की मोदी सरकार ने देश के लिए क्या किया। इसके लिए महाजनसंपर्क अभियान चलाया गया और उलब्ध्यिों को बताने का काम किया गया। इसके बाद भी लगा कि लोगों तक बात नहीं पहुंची है तो महाजनसंपर्क अभियान की तारीख भी बढ़ा दी गई। दूसरी तरफ खबर ये भी आ रही है कि इस बार यूपी में कई सासंदों की टिकट कटना लगभग तय है। आईए पूरे मामले को जनने की कोशिश करते हैं।
महाजनसंपर्क अभियान 18 जुलाई तक चलेगा
पूरे देश में चल रहा भाजपा का महाजनसंपर्क अभियान 30 जून को समाप्त होना था लेकिन इसकी तारीख बढ़ाकर 18 जुुलाई कर दी गई। इसके पीछे ये कहा गया कि यूपी में कई सांसदों ने केंद्र सरकार उपलब्ध्यिां बताने में काफी लापरवाही बरती है। जिसके कारण राज्य में जनजन तक उपलब्धि नहीं पहुंची है। इससे भाजपा हाईकमान काफी नाराज बताया जा रहा है। करीब 25 से 30 ऐसे सांसद है जिन पर लापरवाही के आरोप बताए जा रहे हैं। इसलिए महाजनसंपर्क अभियान की तारीख बढ़ाकर एक और मौका पार्टी ने दिया है।
सर्वे ने भी बढ़ाई चिंता
उत्तर प्रदेश में भाजपा के इंटरनल सर्वें में कई सांसदों का रिपोर्ट कार्ड काफी पुअर है। उनके कामकाज और शैली से लोग ज्यादा खुश नहीं है। बताया जा रहा है कि ऐसे माननीयों की सूची तैयार की जा रही है। इसलिए जिन लोगों ने केंद्र की 9 साल की उपलब्धियां गिनाने और सर्वे रिपोर्ट में पुअर परफॉरमेंस है उनकी टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी किसी भी हालत में ऐसे फिसड्डी नेताओं पर दांव नहीं लगाएगी।
सभी सीटें जीतने का है लक्ष्य
भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में यदि माननीयों का रिपोर्ट कार्ड पुअर होगा तो चुनाव जीतना काफी कठिन हो जाएगा। भाजपा जानती है कि राजनीति में जो दौड़ेगा वही लक्ष्य तक पहुंचेगा। इसलिए यूपी में हर हाल में भाजपा 80 सीटें जीतकर खुद को आगे रखना चाहती है। पार्टी जानती है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है इसलिए इसमें कोई कोताही नहीं होना चाहिए।