मिल्कीपुर में नामांकन पत्रों की जांच के बाद शनिवार को चार निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकर रद्द किए गए है। इसके बाद बीजेपी और समाजवादी पार्टी सहित दस प्रत्याशी अब चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में अब चुनावी रुख को लेकर फलोदी सट्टा बाजार ने भी भविष्यवाणी कर दी है। मिल्कीपुर में पांच फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे।
- मिल्कीपुर में कौन जीत रहा उप चुनाव?
- सट्टा बाजार चौंकाने वाली भविष्यवाणी
- 1 लाख 60 हजार दलित वोटर्स
- दलित वोटर्स के हाथ में जीत की चाबी
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चार निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकर रद्द होने के बाद अब चुनाव के मैदान में 10 प्रत्याशी हैं। बीजेपी और सपा दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस बीच फलोदी सट्टा बाजार की ओर से भी चौंकाने वाली भविष्यवाणी की गई है।
मिल्कीपुर उप चुनाव मैदान में 10 प्रत्याशी
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 14 में अब 10 प्रत्याशियों के बीच जंग है। बीजेपी की ओर से प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान है तो सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद समेत 10 प्रत्याशियों के नामांकन चुनाव आयोग ने वैध पाए हैं। वहीं नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होते ही फलोदी सट्टा बाजार की ओर से भी भविष्यवाणी कर दी है।
क्या कहता है फलौदी सट्टा बाजार ?
मिलकीपुर सीट को लेकर फलोदी सट्टा बाजार में बीजेपी और सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बताई जा रही है। दरअसल मिल्कीपुर सीट पर आजाद समाज पार्टी की एंट्री के बाद यहां चुनावीमुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। बीजेपी ने चंद्रभान पासवान तो सपा के अजीत प्रसाद प्रत्याशी हैं, जिनके सामने चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने सूरज चौधरी को चुनावी मैदान में उतार कर चुनावी रण को रौचक बना दिया है। चंद्रशेखर आजाद ने सूरज चौधरी को प्रत्याशी बना दांव खेला है। सपा और बीजेपी दोनों का खेल बिगाड़ने की कोशिश की है।
चंद्रशेखर की पार्टी ने बिगाड़ा खेल
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि आजाद समाज पार्टी के सूरज चौधरी समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के करीबी रह चुके हैं। पहले समाजवादी पार्टी के बड़े चेहरों में वे शामिल हुआ करते थे। लेकिन पिछले दिनों उन्होंने अपने 500 समर्थकों के साथ सपा छोड़कर आजाद समाज पार्टी का दामन थाम लिया। ऐसे में सूरज चौधरी के चुनाव लड़ने से सपा को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। उनके मैदान में होने से सपा वोट में विभाजन की आशंका सपा नेताओं को नजर आ रही है।
वहीं फलौदी सट्टा बाजार के अनुसार मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस के साथ ही बसपा के चुनाव मैदान में न उतरने से सपा और बीजेपी के प्रत्याशियों और पार्टी से निराश नाराज मतदाता आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी का समर्थन कर सकते हैं।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल लगभग 3 लाख 62 हजार मतदाता हैं। इसमें से दलित मतदाताओं की संख्या 1 लाख 60 हजार है। जो मिल्कीपुर के इस उपचुनाव में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी से अवधेश प्रसाद जब सांसद बने तो यह सीट खाली हो गई थी। अब पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव लगाया है।
प्रकाश कुमार पांडेय