यूपी में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति पर सीएम योगी का फोकस….राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ की विकास कार्य की समीक्षा में योगी ने दिए ये निर्देश…!
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के कार्यां की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता से जुड़े काम को प्राथमिकता से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने प्रदूषण की मार झेल रहीं संकटग्रस्त नदियों को फिर से पुनर्जीवन करने के लिए जनांदोलन का स्वरूप देने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता से ऐसा लग रहा है मानो बीजेपी सरकार ने साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की अभी से तैयारी शुरु कर दी है। सीएम योगी लगातार केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सक्रिय हैं। वे जिलों के दौरे पर भी इन योजनाओं का फीडबैक लेना नहीं भूलते।
- नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की समीक्षा
- सीएम ने कहा नदी पुनरुद्धार को केवल परियोजना नहीं…
- सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना-जिम्मेदारी के रूप में करें स्वीकार
- नदी पुनरुद्धार के लिए मण्डल आयुक्तों की जिम्मेदारी तय की जाए
- नदियों के किनारे केंद्रित हो पौधरोपण कार्यक्रम
- पौधारोपण में केवल प्रशासनिक नहीं,बल्कि जनसहभागिता भी हो
- ’अविरल-निर्मल गोमती’ की परिकल्पना को दें मूर्त रूप
- पेयजल पाइपलाइन डालने..अन्य कार्यों के कारण…
- …खोदी गयी सड़कों की प्राथमिकता से करें मरम्मत
- बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र में ‘जल जीवन मिशन’
सीएम योगी ने कहा हम नदी पुनरुद्धार को केवल परियोजना नहीं बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना के साथ जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार करें। सीएम ने लखनऊ की गोमती नदी ही नहीं गाजियाबाद की हिण्डन नदी, काशी की वरुणा नदी सहित उत्तरप्रदेश की विभिन्न नदियों के पुनर्जीवन के लिए मिशन मोड में काम करते हुए मिलकर प्रयास करने की बात कही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा मानव सभ्यता का विकास सदैव नदियों के किनारे किनारे ही हुआ है। जिन जीवनदायिनी नदियों के किनारे भारतीय संस्कृति फली-फूली, उन्हीं नदियों को अनियोजित शहरीकरण के साथ प्रदूषण के हवाले कर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी पुनरुद्धार के लिए मण्डल आयुक्तों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस साल होने वाले पौधरोपण कार्यक्रम विशेष रूप से नदियों के किनारे ही केंद्रित हों। यह काम केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि जनसहभागिता पर आधारित होकर पूरा किया जाए।
सीएम ने लखनऊ की गोमती नदी पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया और कहा ’अविरल-निर्मल गोमती’ की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जाए। एक माह के भीतर इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह जनमहत्व का काम है। जिसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए पूरा करें अन्य सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर मानसून के बाद इस पर भौतिक काम प्रारम्भ कर दिया जाए। सीएम ने कहा गोमती नदी की स्वच्छता कार्ययोजना को अब जनसहभागिता के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया जाए। ..प्रकाश कुमार पांडेय