यूपी विधानसभा उप चुनाव: लड़ने से पहले कांग्रेस ने छोड़ा रण…या अखिलेश के दांव के आगे राहुल ने डाले हथियार…!
यूपी उपचुनाव में कांग्रेस की बात करें तो देश में तेजी से मजबूत हो रही कांग्रेस के लिये यह दु:स्वप्न जैसा ही है। विशेषकर यूपी कांग्रेस के लिए तो बहुत ही शॉकिंग खबर है। रण में उतरने से पहले ही जब योद्धा हार मान लेता हैं तो सैनिकों की स्थिति विकट हो जाती है। कुछ ऐसी ही स्थिति यूपी में कांग्रेस की हो रही है। आखिर ऐसा क्या हुआ है यूपी में आइए जानते हैं।
यूपी उपचुनाव की सरगर्मी तेज
अखिलेश यादव की बैलेंस पॉलिटिक्स
‘अकेले’ लड़ने की लंबी चौड़ी पोस्ट
अब राहुल के साथ तस्वीर…
अखिलेश के दांव…कांग्रेस का सरेंडर?
यूपी में इंडी गठबंधन तार-तार…!
अगले माह की 13 नवंबर को यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। अखिलेश यादव ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि विधानसभा की सभी 9 सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार सपा के पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे। क्या सही है यह फैसला, यह विवाद का विषय हो सकता है लेकिन पर कांग्रेस के लिए निश्चित ही यह शर्मिंदगी का बड़ा विषय है। यूपी में समाजवादी पार्टी अगर विधानसभा की कुछेक कमजोर सीटें कांग्रेस को दे रही थीं तो भी कांग्रेस को लड़ते हुए शहीद होना चाहिए था। क्या हुआ जो चुनाव में सीटें हार जातीं कम से कम कांग्रेस कार्यकर्ताओं का पार्टी को लेकर उत्साह तो बना रहता। यह तो बिना लड़े ही रण छोड़कर भागने जैसा है। इतना ही नहीं शर्मिंदगी से बचने के लिए समाजवादी पार्टी के पल्लू में मुंह छिपाने जैसा है। कांग्रेसी विचार करें, आखिर यह क्यों और कैसे हुआ है। क्या कांग्रेस के लिए यह सेटबैक जैसा है?
सभी 9 सीट पर सपा के बैनर तले इंडी गठबंधन
उत्तरप्रदेश में विधानसभा 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बड़ा दांव चलने के साथ सियासी ऐलान करते हुए यह कहा कि सभी 9 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी समाजवदी पार्टी के चुनाव नियाान पर चुनाव लड़ेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के माध्यम से सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इसका ऐलान किया। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस सियासी दांव के आगे कांग्रेस चित हो गई या कांग्रेस ने चुनावी लड़ाई लड़ने का मन ही नहीं बनाया। अखिलेश बाबू सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि ‘बात सीट की नहीं जीत की है’ इस चुनावी रणनीति के तहत ही ‘इंडिया गठबंधन’ के साझा प्रत्याशी विधानसभा की सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर ही चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर यूपी में उप चुनाव के बीच कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़ी है। अखिलेश ने दावा किया है कि इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।
बीजेपी का नारा…सपा कर रही साकार !
अब आप आचार्य प्रमोद कृष्णम का एक ट्वीट देखें। जिसमें उन्होंने साफ शब्दों कहा है कि कांग्रेस को अपना ऑफिस और पार्टी का झंडा भी समाजवादी पार्टी के हवाले कर देना चाहिए। वहीं यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भी इस पर अyब कांग्रेस पर तंज कसा है और कहा है कि कांग्रेस मुक्त का नारा भले ही बीजेपी ने दिया था, लेकिन इसे साकार अखिलेश यादव कर रहे हैं।
( प्रकाश कुमार पांडेय)