हर व्यक्ति में कोई न कोई हिडन टैलेंट होता है पर क्रिकेटर रहे हार्डी संधु ने ऐसा टैलेंट दिखाया कि उन्हें लोग एक सुपरहिट पंजाबी सिंगर के रूप में जानने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने ऐसे-ऐसे हिट गाने दिए, जिन्हें यूट्यूब पर करोड़ों लोगों ने देखा। हार्डी संधु आज 36 वर्ष के हो रहे हैं, इस मौके पर जानें क्रिकेटर से सिंगर बनने की उनकी कहानी…
क्रिकेटर बनना चाहते थे संधु
बहुत कम लोग जानते होंगे कि हार्डी संधू एक बेहतरीन क्रिकेटर भी रह चुके हैं। लोग तो उन्हें ‘ओ कुड़ी मैंनु कैंदी’, बिजली-बिजली जैसे गीतों से जानने लगे। दरअसल, एक दौर था जब संधू ने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था और वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेले भी। 6 सितंबर 1986 को पटियाला (पंजाब) में जन्मे हरविंदर संधू उर्फ ‘हार्डी संधू’ ने 2005 में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। हार्डी संधू राइट हैंड बैट्समैन और फास्ट-मीडियम गेंदबाज थे।
बैटिंग से ज्यादा बॉलिंग में था दम
संधू ने 3 फर्स्ट क्लास मैचों की 3 पारियों में 1 बार नाबाद रहते हुए भले ही 11 रन बनाए, लेकिन गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। 5 पारियों में संधू ने 3.35 की इकोनॉमी से 312 रन देकर 12 विकेट झटके। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/62 रहा। कहा जाता है कि एक बार ट्रेनिंग सेशन के दौरान बिना वॉर्मअप ही संधु ने खेलना शुरू कर दिया था, इस दौरान वे इस तरह से चोटिल हुए कि 2007 में उन्हें क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा।
ये है हार्डी संधु को असली नाम
एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में संधु ने बताया था कि उनका असली नाम हरविंदर सिंह संधू है। उनका नाम उनके दोस्तों को थोड़ा लंबा लगता था। इसी वजह से नाम को शॉर्ट कर ‘हार्डी संधू’ कर दिया।
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