ग्वालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनावी याचिका पर सुनवाई की गई। जिसमें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में तीन आवेदन लगाए गए थे। पहला आवेदन उनका अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी की ओर से सिंधिया की ओर से पैरवी किए जाने के संबंध में था। जिस पर जबलपुर के सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने बताया एडीशनल एडवोकेट जनरल अंकुर मोदी का वकालतनामा वापस ले लिया गया है। इसके अलावा दो आवेदन सिंधिया के राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित होने से पहले भरे गए नामांकन पत्र को लेकर है। जिसके साथ शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है।
-केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के खिलाफ चुनावी याचिका
-शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप
-सिंधिया ने अपने खिलाफ दर्ज मामले छुपाए
-5 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
धारा 340 के तहत याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया केंद्रीय मंत्री सिंधिया को अपने खिलाफ दर्ज मामले की जानकारी थी। इसके बाद भी उन्होंने जानबूझकर इसे छुपाया। यह अपराध की श्रेणी में आता है और दंडनीय अपराध है। इस आवेदन पर कोर्ट ने सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं का कहना है कि वे न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे। उन्हें इस मामले में अनावेदक को नोटिस जारी होने की पूरी उम्मीद है। साथ ही कोर्ट के एक आदेश में अनावेदक के खिलाफ इश्यू फ्रेम होने की बात कही गई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने इस मामले में न्यायालय से स्पष्टता जाहिर करने की मांग की है। अब इस मामले पर सुनवाई अगले महीने 5 अप्रैल को होगी। बता दें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एक चुनावी याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को नामांकन भरते समय छुपाया है। इसलिए उनका चुनाव शून्य घोषित किया जाए।