डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली है। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस 3 जनवरी 2025 से ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान शुरू करेगी।
यह अभियान पहले 26 दिसंबर को कर्नाटक बेलगावी कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद शुरू होने वाला था। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद सात दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया था। इस अवधि के सम्मान में कांग्रेस ने अपना अभियान स्थगित कर दिया गया था।
- शाह के इस्तीफे की मांग…फिर सड़क पर संग्राम
- कांग्रेस शुरु करेगी ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान
- डॉ.बाबा साहेब आंबेडकर के अपमान का आरोप
- शाह की कथित टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी
- कांग्रेस एक बार फिर शाह के खिलाफ खोलेगी मोर्चा
- शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर 3 जनवरी से आंदोलन
- ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान शुरू करेगी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि शोक अवधि के बाद 3 जनवरी को पार्टी इस अभियान फिर से शुरू करेगी। उन्होंने कहा अभियान के तहत देश भर में रैलियां निकाली जाएंगी। विरोध प्रदर्शन किये जाएंगे। डॉ.अंबेडकर की जन्मस्थली मध्यप्रदेश के महू में 26 जनवरी को बड़ी रैली का आयोजन कांग्रेस की ओर से किया गया है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस अपनी मांग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 जनवरी 2025 से 25 जनवरी 2026 तक पूरे एक साल की संविधान बचाओ राष्ट्रीय पदयात्रा का आगाज करने वाली है।
इस्तीफे की मांग…सड़क पर संग्राम
डॉ.अंबेडकर को लेकर अमित शाह की ओर से राज्यसभा में की गई एक कथित टिप्पणी पर कांग्रेस पिछले कई दिनों से लगातार हमलावर नजर आ रही है। जिसके बारे में बीजेपी की ओर से दावा है कि शाह के बयान में छेड़छाड़ की गई है। भाबीजेपी की ओर से सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस पर राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह करने का आरोप बीजेपी ने लगाया है।
वहीं जयराम रमेश ने दिवंगत पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह के मुद्दे पर कहा आज सत्ता में बैठे लोग, जो अब डॉ.मनमोहन सिंह की प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं। उन्हें डॉ.मनमोहन सिंह की विनम्रता, शांति और क्षमता पर फिर से विचार करना चाहिए। जसराम रमेश ने डॉ.मनमोहन सिंह के नेतृत्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। और कहा इसमें नोटबंदी पर दिया गया उनका चार मिनट का भाषण भी शामिल है। डॉ.मनमोहन सिंह के भाषण ने केन्द्र सरकार को हिलाकर रख दिया था। उन्होंने कहा विपक्ष में रहते हुए डॉ.मनमोहन सिंह ने शायद ही कभी बात की, लेकिन जब उन्होंने बात की, जो भी बात कही उसे सभी ने सुना। उनकी बात सुनीं जाती थीं। लाल बहादुर शास्त्री की तरह डॉ.मनमोहन सिंह भी बिना किसी दुश्मन के व्यक्ति थे।
जयराम ने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह के योगदान को कमतर आंकने के लिए बीजेपी और एनडीए की मोदी सरकार की भी आलोचना की और कहा वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए डॉ.मनमोहन सिंह के काम ने भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को मजबूत किया था।