लखनऊः देश में समान नागरिक संहिता यानी (यूसीसी) UCC को लेकर लंबे समय से बयान देने का सिलसिला जारी है। कहीं लोग इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कहीं विरोध। मुसलमान इसके विरोद में लामबंद हो रहे हैं, क्योंकि उनका तर्क है कि यह उनके मजहब के खिलाफ है। वहीं, यूसीसी के समर्थकों का कहना है कि देश अगर सेक्युलर है तो कानून भी बराबरी के होने चाहिए।
- इस बीच समान नागरिक संहिता को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनऊ में अहम मीटिंग हुई
- मीटिंग में समान नागरिक संहिता, हिजाब, ज्ञानवापी, वक्फ की प्रोपर्टी बचाने समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई
- इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड पर AIMPLB के जनरल सेक्रेटरी मौलाना ख़ालिद सैफुल्लाह रहमानी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस पर आर-पार की लड़ाई होगी
- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में 51 कार्यकारी सदस्य हैं
- इनमें से एक AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी भी हैं
केशव मौर्य ने कहा- ये भाजपा का प्रमुख एजेंडा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि हर तबक़े को अपनी-अपनी पहचान के साथ इस मुल्क में ज़िंदा रहने की इजाज़त देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में मुसलमानों के लिए अहमतरीन कई मसलों पर चर्चा हुई। असम में हो रही गिरफ्तारियों पर रहमानी ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला न जाए,असम सरकार को इससे बचना चाहिए।
- वहीं बोर्ड के मेंबर मौलाना ख़ालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा कि इस समुदाय के सामने अहम मुद्दों में धर्म परिवर्तन, ज्ञानवापी है
- AIMPLB के 51 कार्यकारी सदस्यों की मीटिंग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदर मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अगुवाई में हुई है
वहीं, समान नागरिक संहिता के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) द्वारा आर-पार की लड़ाई के ऐलान की उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि समान नागरिक संहिता बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में से एक रहा है और देश की जनता ने उन्हें (BJP) जनादेश दिया है।
- केशव ने कहा कि यूसीसी के लिए देश की संसद को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है
- इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी के विरोध को खारिज करते हुए मौर्य ने कहा कि विरोध करना उनकी आदत है
- मीडिया से बात करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और समान नागरिक संहिता लागू करना भाजपा का प्रमुख एजेंडा रहा है
- केशव मौर्य ने कहा कि एजेंडे का दो काम हो चुका है और बाकी जो काम (समान नागरिक संहिता) बचा है, वो भी समय पर पूरा हो जाएगा.
मोहन भागवत का बयान पर टिप्पणी नहीं
लखनऊ में रामचरित मानस की प्रतियां जलाने पर की जा रही कार्रवाई पर बोलते हुए केशव मौर्य ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण पर मचे बवाल पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं और सरसंघचालक जो कहते हैं, स्वयंसेवक के रूप में उसे वे लोग मार्गदर्शन मानते हैं।
केशव मौर्य ने उनके बयान पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
मुसलमानों में ही दो-फाड़, शहाबुद्दीन नाराज
वैसे, पर्सनल लॉ बोर्ड की इस मीटिंग में भले ही कई विवादास्पद मुद्दों पर बात होने का दावा किया गया, लेकिन यह मुख्यतः ज्ञानवापी पर हो रही कार्रवाई को रोकने और पर्सनल लॉ को बचाने के लिए जरूर कदमों पर चर्चा के लिए था। हालांकि, मुसलमानों की इस संस्था में आपसी रस्साकशी भी पैदा हो गयी है।
दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का बयान तो यही दिखाता है। उन्होंने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने मकसद से भटक गया है। उन्होंने कहा कि जिस मकसद के लिए उलमा ने बोर्ड का गठन किया था उससे बोर्ड बहुत दूर चला गया है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि बोर्ड का मकसद ये था कि मुसलमानों की शरई और मजहबी मामले में रहनुमाई करेगा, मगर बोर्ड अब सिर्फ सियासी मामलात में दिलचस्पी रखता है। लखनऊ में हुई बोर्ड की मीटिंग में यही हुआ, मीटिंग में समान नागरिक संहिता और लव जिहाद आदि सियासी मुद्दों पर चर्चा हुई मगर मुसलमानों की तरक्की और उनके बुनियादी मसलों पर चर्चा नहीं हुई।