लखनऊ- उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली हार के बाद एक बार फिर मुलायम सिंह परिवार में तकरार सामने आई है. मुलायम सिंह के भाई शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में अब दोनों के फिर से बिगड़ते रिश्ते के कारण समाजवादी पार्टी को नुकसान होता दिखा रहा है.
शिवपाल यादव की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अखिलेश यादव की बुलाई गई सहयोगी दल की बैठक में भी वे शामिल नहीं हुए और अब भविष्य के लिए राजनीतिक विकल्प की तलाश में जुट गए हैं. विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने के बाद बुधवार को शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई है. जिसके बाद शिवपाल की बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि, शिवपाल ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया है.
प्रसपा समर्थकों की माने तो चुनाव के समय परिवार और समाज के दबाव के कारण शिवपाल यादव ने जहर का घूंट पी लिया था लेकिन अब वो बर्दाश्त करने के मोड में नहीं है. माना तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी उन्हें अपने साथ मिलाने के लिए राज्यसभा भेजने का दांव खेल सकती है. क्योंकि मोदी सरकार में यूपी से कोई भी यादव केंद्रीय मंत्री फिलहाल तो नहीं है. ऐसे में बीजेपी शिवपाल यादव के मोदी सरकार में कैबिनट मंत्री बनाना चाहती है. और उनके जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में यादव समुदाय के वोट पर पकड़ बनाने की जिद्दोजहद में जुटी हुई है. हालांकि शिवपाल यादव के बीजेपी में जाने को लेकर कोई भी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. ऐसे सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं.
2017 में अलग की थी राह
आपको बता दें कि मुलायम सिंह के परिवार में विवाद के चलते अखिलेश यादव ने साल 2017 में शिवपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया था. इसके बाद शिवपाल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) बनाई थी. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में प्रसपा और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि प्रसपा के खाते में कम ही सीटें आई थी.