अफगानिस्तान में लड़कियों के साथ बढ़ती अमानवीयता…जानें क्यों है अफगानी लड़कियां शिक्षा से वंचित… संयुक्त राष्ट्र किया ये खुलासा…
यूनाइटेड नेशन वूमेन ने कहा कि अफगान लड़कियों को शिक्षा से वंचित करना बड़ा अन्याय है। इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। एजेंसी ने अफगानिस्तान में लड़कियों के बुनियादी अधिकारों की रक्षा करने की अपील की। बता दें अफगानिस्तान में तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा रखा है।
- तालिबान ने लगा रखा है महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध
- अफगानिस्तान में लड़कियों को 2022 में स्कूल जाने से रोका
- पिछले तीन साल से लगातार यही हैं हालात
लड़कियों को पहली बार मार्च 2022 में माध्यमिक स्कूलों में जाने से रोका गया और फिर उसी साल दिसंबर में उन्हें विश्वविद्यालयों में भी जाने से मना कर दिया गया। अफगान में तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध जारी रखा है और यह पाबंदी अब तीसरे साल में प्रवेश कर चुकी है। जनवरी 2023 तक तालिबान ने लड़कियों को विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा देने से रोककर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली, जिससे कुछ इलाकों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की परीक्षा में भागीदारी बढ़ने की जो उम्मीद थी, वह खत्म हो गई।
यूएन वूमेन की ओर से नपिछले दिनों एक्स पर यह पोस्ट की गई। जिसमें लिखा कि “लड़कियों को स्कूल जाना चाहिए। फिर भी, अफगानिस्तान में लगातार तीसरे साल लड़कियों को शिक्षा का अधिकार नहीं मिला है। क्योंकि स्कूल उनके बगैर फिर से खुल रहे हैं। बच्चियों को शिक्षा से वंचित करना बड़ा अन्याय है। यह आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। बच्चियों के बुनियादी अधिकारों को तुरंत बहाल किया जाने पर भी जोर दिया गया।
यूएन वूमेन की कार्यकारी निदेशक ने दी चेतावनी
वहीं हाल ही में यूएन वूमेन की कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस की ओर से भी चेतावनी दी थी कि अगर लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है तो अफगानिस्तान में इसके नकारात्मक प्रभाव आने वाली कई पीढ़ियों तक महसूस होंगे। सिमा बहौस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गइ्र पोस्ट में लिखा था कि अफगानिस्तान में नए स्कूल साल की शुरुआत के साथ ही हजारों लड़कियों के लिए स्कूल के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
यह ऐसा तीसरा साल है। लड़कियों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन का असर पीढ़ियों तक रहेगा। लड़कियों को स्कूल वापस जाना चाहिए। उनके बुनियादी अधिकारों को बगैर किसी देरी के बहाल किया जाना चाहिए। बता दें संयुक्त राष्ट्र महिला की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त 2021 से तालिबान की ओर से अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा दी है। उन्हें शिक्षा से वंचित करने के लिए धीरे-धीरे कदम उठाए गए हैं जो लगातार सख्त प्रतिबंध लगाए हैं।….प्रकाश कुमार पांडेय