नाबालिग रहते हुए गुड्डू मुस्लिम ने की थी बम से पहली हत्या,ऐसे बना बमबाज

Guddu Muslim

यूपी में इन दिनों गैंगस्टर अतीक अहमद, अशरफ की हत्या और असद एनकाउंटर के बाद पुलिस को अतीक की पत्नी शाइस्ता और बमबाज गुड्डू मुस्लिम की तलाश है। दरअलस उमेश पाल मर्डर केस में गुड्डू मुस्लिम भी आरोपी है जो फरार है। गुड्डू मुस्लिम ने ही उमेश और उसके सुरक्षाकर्मियों पर बमबारी की थी।

प्रयागराज का नहीं सुल्तानपुर के इटकौली गांव है गुड्डू मुस्लिम

गुड्डू मुस्लिम बम से हत्या करने के लिए मशहूर है। यही वजह है कि उसे बमबाज गुड्डू भी कहा जाता है। चलते फिरते बम बनाने की कला में गुड्ड माहिर माना जाता है। फिलहाल उसकी लोकेशन कभी ओडिशा में मिलती है, तो कभी छत्तीसगढ़ मिल रही है। हालांकि जब तक पुलिस पहुंचती है, वह अपनी लोकेशन बदल लेता है। यूपी एसटीएफ का दावा है कि गुड्डू को जल्द पकड़ लिया जाएगा, लेकिन वह अभी भी यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है दरअसल गुड्डू को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब खुलासा हुआ है कि वह सुल्तानपुर के इटकौली गांव का रहने वाला है।

इस तरह लिया था पुलिस अधिकारी के भााई की हत्या का बदला

यह गांव फैजाबाद और जौनपुर सीमा पर स्थित है। गुड्डू ने जब अपराध की दुनिया में कदम रखा तो उसका संपर्क अभय सिंह और धनंजय सिंह से हुआ था। 1993 में 16 साल की उम्र में गुड्डू ने बम मार कर पहली हत्या की थी। इसके बाद उसने बम बनाने और बम फेंक कर हत्या करने में महारथ हासिल कर ली। गुड्डू मुस्लिम ने 1997 में इटावा पुलिस लाइन के पास एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के भाई की हत्या करने वाले पर बम से हमला किया था। इस मामले में तब गुड्डू मुस्लिम ने दो माफिया के साथ होने की बात भी मानी थी।

पीटर गोम्स हत्या के मामले में पकड़ाने पर खोले से कई राज

1998 में गुड्डू मुस्लिम से लखनऊ में पीटर गोम्स की हत्या के मामले में पूछताछ हुई थी। तब उसने इस तरह के कई राज उगले थे। पूछताछ में बताया था कि लखनऊ में उसका ठिकाना एक सम्मानित परिवार के बिगड़ैल बेटे के गेस्ट हाउस में होता था। गुड्डू वहीं रुकता था। उसने फैजाबाद के संतोष सिंह को लखनऊ बुलाकर इसी गेस्टहाउस में कोल्ड ड्रिंक में नींद की दवा देकर बेहोश किया और फिर संतोष सिंह की लाश सुल्तानपुर-इलाहाबाद हाईवे पर डालकर कुचल दी। इस बीच गोरखपुर में एनडीपीएस में जेल जाने के बाद गुड्डू मुस्लिम गैंगस्टर अतीक अहमद के संपर्क में आया था। जहां अतीक अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपने सिंडिकेट का उपयोग करते हुए गुड्डू मुस्लिम को हाईकोर्ट से रिहा करवाया। इसके बाद से अब तक पिछले 20 साल से गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के लिए काम कर रहा था।

क्यों पड़ा गुडड् मुस्लिम का नाम बमबाज

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