उमा के दबाव में शिवराज ने बदली शराब नीति, चुनावी मोड में सरकार, लिये जाएंगे कई बड़े फैसले

liquor policy 2023

भोपाल। मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधाानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आती नजर आ रही है। शराब नीति को लेकर लिये गए फैसले से ये साबित हो रहा है कि सरकार प्रदेश में कई चीजों पर इसका असर दिखाई देगा। नई शराब नीति में सरकार ने कई बड़े बदलाव किये हैं। माना जा रहा है कि ये बदलाव पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के दवाब के चलते किये गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कई महीनों से शराब मुक्ति अभियान चला रही हैं। उमा भारती ने शराब की दुकानों पर पत्थर मारकर विरोध जताया था। उमा भारती ने अहाते भी बंद करने की मांगी की थी।

बता दें मध्य प्रदेश की 2023-24 की नई शराबनीति को रविवार को सीएम शिवराज की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के दबाव में कई बिन्दुओं को बदला गया है। यानी एक अप्रैल से लागू होने वाली नई शराब नीति में सरकार ने उमा भारती की मांगों को पूरा किया है। सरकार ने प्रदेश के सभी अहाते और शॉप बार बंद करने का निर्णय लिया है। इनकी संख्या करीब 2611 है।

दिखाई दिया उमा का शिव पर दबाव

सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है जब वरिष्ठ नेता उमा भारती राज्य में नियंत्रित शराब नीति की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ चुकी हैं। वे शराब बिक्री कम करने की मांग को लेकर लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने से भी पीछे नहीं हटीं। सरकार पर लगातार उनके हमले जारी रहे। हाल ही में उमा भारती ने एक मंदिर में यह कहते हुए डेरा डाल दिया था कि वह नई शराब नीति का इंतजार करेंगी। इस मसले को उठाते हुए वह जेपी नड्‌डा तक को पत्र लिख चुकी हैं। अब चूंकि सरकार ने नई शराब नीति को मंजूरी प्रदान की है। ऐसे में देखना होगा कि उमा भारती का इस पर क्या रुख रहता है।

मास्टर स्ट्रोक होगी लाड़ली बहना

वहीं चुनाव से पहले सीएम शिवराज ने लाड़ली बहना योजना के रुप में एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है। पिछले दिनों इंदौर में उन्होंने प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना शुरू करने का एलान किया है। जिसमें मध्यप्रदेश की सभी महिलाओं को हर माह एक हजार रुपए दिए जाएंगे। लाड़ली बहना योजना का लाभ प्रदेश की उन महिलाओं को मिलेगा जो आयकर के दायरे से बाहर हैं। प्रदेश में पांच मार्च से इस योजना के तहत फार्म भरे जाएंगे। बता
दें पहले 8 मार्च से आवेदन लिये जाना थे, लेकिन बाद में तारीख बदल दी गई, पांच मार्च को सीएम शिवराज का जन्मदिन भी है।

कर्मचारियों को किया खुश

चुनावी साल में शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश के साढ़े 7 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को खुश करने के लिए उनका डीए डियरनेस अलाउंस 4 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इससे बाद अब प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर 38 प्रतिशत डीए मिलेगा। शिवराज सरकार 15 महीने में चार बार में 26 प्रतिशत डीए बढ़ा चुकी है। चुनाव से पहले यह कर्मचारियों को साधने की दिशा में शिवराज सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। बता दें 2003 में कर्मचारियों की नाराजगी के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को खामीयाजा उठाना पड़ा था। कर्मचारी विरोधी लहर के चलते उनकी सरकार चली गई थी। ऐसे में शिवराज कोई रिस्क नहीं लेना चाहते, भले ही सरकार का खजाना खाली हो। इस फैसले से कर्मचारी तो खुश हैं लेकिन सरकारी खजाने पर हर साल 1440 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।

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