जाने कौन सा शहर कहलाता है भारत का ग्रीनविच

क्या आप जानते है कि भारत का ग्रीनविच किसे कहा जाता है। भारत का ग्रीन विच कहलाता है उज्जैन। जो बाबा महाकाल की नगरी है जो राजा विक्रमादित्य की नगरी है उसी उज्जैन को भारत का ग्रीनविच कहते ।

 क्यों उज्जैन को भारत का ग्रीनविच करते हैं

उज्जैन में विश्व की पहली वैधशाला बनी थी। उज्जैन मे कालगणना भी होती थी और ये सारी काल गणना उस वक्त होती थी जब पश्चिमी देशों में ग्रीनविच जैसी कोई खोज नही की थी। उज्जैन को हिदुस्तान का ग्रीन विच कहते है क्योंकि यहां पर अक्षांस और देशांतर रेखाऐं एक दूसरे को काटती है। कर्क और मकर रेखा आपस में एक दूसरे को काटती है और यही कारण है कि उज्जैन में राजा सवाई जय सिहं ने वैधशाला का निर्माण करवाया था। उज्जैन के काल गणना के पंचाग से आज भी देश मे चलते हैं और उज्जैन में ज्योतिष के तीनों ही विधाओं गणित फलित और होरा में ग्रंथ लिखे गए हैं।

ग्रीनविच से पहले होती थी कालगणना

पश्चिमी देशों में 1884 मे टाइम झोन बनकर तैयार हुआ और पूरे विश्व का समय ग्रीनविच से तय होने लगा। लेकिन इससे पहले उज्जैन से ही पूरे भारत की कालगणना होती थी। ग्रीनविच उन्नीसवी सदी मे बना लेकिन उज्जैन में काल गणना चार सौ साल पहले सी ही होती थी। उज्जैन में कर्क और मकर रेखा का मिलन होने के चलते यहां जीरो डिग्री माना जाता है उज्जैन पृथ्वी की नाभि स्थल भी माना जाता है। उज्जनै और रोहतक से प्राइम मेरेडियन गुजरता है और उज्जैन पुराने समय में गणित और खगोल का बड़ा केंद्र माना जाता था। यह बात दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने मानी है

बाबा महाकाल की नगरी में इस तरह से काल गणना का होना बताता है कि सनातनी विज्ञान शायद बहुत विकसीत था यही वजह है कि हमारे देश में जिन बातों और जिन चीजों को वेदों में माना जाता था उसका अविष्कार विज्ञान ने महज सैकड़ों साल पहले किया। अगर उज्जैन को विश्व का पहला टाइम कीपर कहें तो भी गलत नहीं होगा।

 

 

 

 

 

 

 

Exit mobile version