यूसीसी के बहाने विपक्ष का एक और दांव: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खोलेगा शरई अदालतें,कांग्रेस सहित कई दलों ने किया समर्थन

पीएम मोदी से कर सकते हैं मुलाकात

तमाम प्रयासों के बाद भी विपक्ष एकजुट नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पटना में बैठक भी हुई लेकिन कोई खास नतीजा नहीं निकला। अब यूसीसी के बहाने विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। इसमें कितनी सफलता मिलेगी ये वक्त आने पर पता चलेगा लेकिन जिस तरह से भाजपा विरोधी कुछ दलों ने यूसीसी के विरोध में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन किया है वो कई सवाल खड़े करने वाले हैं।

खडगे ने ​समर्थन का दिलाया भरोसा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दावा है कि यूसीसी के विरोध में कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। बोर्ड आधिकारिक प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने कहा है कि हमने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे से मुलाकत कर यूसीसी के बारे में चर्चा की है।उन्होंने इसका विरोध करने का भरोसा दिलाया है। इसके अलावा एनसीपी के शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने भी हमारा समर्थन किया है। जानकारी के मुताबिक यूसीसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त मांगा जाएगा। यदि मुलाकात होती है तो अपनी पूरी बात उनके समक्ष रखेंगे।

बोर्ड पूरे देश में खोलेगा शरई अदालतें

बोर्ड के प्रवक्ता ने दावा किया है कि उपरोक्त दल संसद से लेकर सड़क तक हमारा समर्थन करते हुए यूसीसी का विरोध करेंगे। इसके अलावा हम शरई अदालते निरंतर खोलते रहेंगे।अभी देश में सौ से ज्यादा अदालतें हैं आने वाले समया में जहां मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा है वहां हम शरई अदालतें खोलेंगे।

क्या यूसीसी पर एकजुट होगा विपक्ष

जानकारों का मानना है कि जिस तरह बोर्ड ने दावा किया है उससे विपक्ष को कोई बड़ा फायदा होने वाला नहीं है। यूसीसी का विरोध करने से पहले विपक्ष अपनी एकता पर विचार करना चाहिए। वजह ये है कि कई दल जहां यूसीसी का विरोध कर रहे थे आज उन्होंने चुप्पी साध रखी है। जबकि कुछ तो खुलकर सामने आ गए हैं। उधर भाजपा दावा कर रही है कि यूसीसी पर सभी का समर्थन मिलेगा।

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