राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी अब धीरे धीरे पूरे देश में अपने पैर पसार रही है. गुजरात के बाद अब आप का पूरा ध्यान मप्र के आगामी विधानसभा चुनावों पर है.आप मप्र के विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत झोंकने जा रही है. निकाय चुनावों में सिंगरौली जीतने के बाद पार्टी मप्र में अपना राजनीतिक ग्राउंड देंख रही है और खुद को एक विकल्प के रूप में जनता के सामने प्रदर्शित कर रही है . इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान रैली भी कर चुके है. . अब खबरे आ रही है कि आम आदमी पार्टी में बीजेपी- कांग्रेस की तरह ग्वालियर चंबल अंचल में सक्रिय होने वाली है. पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष और सिंगरौली महापौर रानी अग्रवाल दो दिवसीय ग्वालियर दौरे पर है . यहां पर वे पार्टी के जिला मुख्यालय का उद्घाटन करेगी और पार्टी के कार्यकर्ताओं से चुनावों पर चर्चा भी करेगी.
ग्वालियर चंबल है सत्ता की चाबी
ग्वालियर चंबल को मप्र की राजनीति का गढ़ कहा जाता है. यहां के दलित वोटरों का मन जो जीत लेता है , वो सत्ता में काबिज होता है. कांग्रेस और बीजेपी पहले से ही इस क्षेत्र में सक्रिय हो चुके है और लगातार काम कर रहे है. लेकिन अब आप ने भी इस इलाके में पैठ बनाने के लिए ताल ठोक दी है. आप की प्रदेशाध्यक्ष का यह दौरा आगामी विधानसभा चुनावों को देंखते हुए अहम है. पार्टी जिस राज्य में चुनाव लड़ती है, वहां अपने आप को एक विकल्प के रूप में प्रस्तुत करती है. ऐसे में ग्वालियर चंबल में आप का सक्रिय होना बीजेपी -कांग्रेस के लिए मुश्किले खड़ी कर सकता है.
कार्यकर्ताओं से करेंगी चर्चा
ग्वालियर के दो दिवसीय दौरे में आप प्रदेशाध्यक्ष जिला कार्यालय का उद्घाटन करेंगी और जिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में हिस्सा लेंगी. यहां पर वे कार्यकर्ताओं से वन टू वन चर्चा करेंगी और आगामी विधानभा चुनावों में ग्वालियर चंबल अंचल में पार्टी की तैयारियों जानेगी. रानी अग्रवाल पार्टी कार्यकर्ताओं के विचार भी जानेगी और अपनी जीत के अनुभव साझा करेंगी.
विकल्प के रूप में उतरेगी आप
आम आदमी पार्टी पिछले कुछ समय में प्रदेश के कई क्षेत्रों में तीसरा विकल्प बनकर उभरी है. पार्टी के पास वोटों का पॉलिराइजेशन करने का अच्छा गणित है.आप के लिए एक और फायदा यह है कि बीजेपी- कांग्रेस में अंदरूनी फूट से कई नेता नाराज चल रहे है . य़ह नेतागण टिकट की चाह में आप का दामन थाम सकते है. हालांकि आप की सबसे बड़ी दिक्कत कोई बड़े चेहरे का पार्टी में न होने का है. इस दिक्क्त के चलते पार्टी को विधानसभा चुनावों में नुकसान झेलना पड़ सकता है. हालांकि चुनावों में अभी टाईम है और अभी से यह अनुमान लगाना सहीं नहीं होगा. लेकिन ये देंखना जरूर रोचक होगा कि आप के मैदान में उतरने से किस पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है ?