विवादों में फंसी महाराष्ट्र कैडर की आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर की ट्रेनिंग को आखिरकार रद्द कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त किया है। पूजा खेडकर को वापस उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी बुलाया गया है। पूजा को 23 जुलाई तक एकेडमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जहां जांच पूरी होने तक पूजा खेडकर को एकेडमी में ही रहना होगा। इधर खेडकर ने भी पुणे के डीएम पर उत्पीड़न का आरोप लगा थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
- ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द
- वीआईपी मांग और फर्जी सर्टिफिकेट ने मुश्किल में डाला
- पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द कर दी गई है
- मसूरी एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में वापस बुलाया
- दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर पर भी होगी कार्रवाई
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की वीआईपी मांग और फर्जी सर्टिफिकेट ने उन्हें आखिरकार मुश्किल में डाल ही दिया। पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द कर दी गई है। साथ ही उन्हें उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में वापस भी बुला लिया गया है। साथ ही उनके लिए दिव्यांग सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। उन्हें 23 जुलाई तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। संयुक्त निदेशक सौजन्या ने अकादमी की ओर से भेजे लेटर की पुष्टि की है। विवादों से घिरीं ट्रेनी आईएएस अधिकारी की नौकरी पर अब तलवार लटक गई है। जानकारी के अनुसार पूजा खेडकर और फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से उन्हें मुक्त किया जाता है।
पूजा को जांच के लिए 6 बार किया तलब
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 22 अप्रैल 2022 को पूजा को दिल्ली के एम्स में मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया था। लेकिन पूजा ने कोविड का हवाला दिया और जांच के लिए नहीं गईं। इसी तरह 26 मई को भी एम्स और 27 मई को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उन्हें बुलाया गया था। इसके बाद एक जुलाई को फिर से उन्हें एम्स हॉस्पिटल में बुलाया गया लेकिन पूजा वहां भी नहीं आईं। इस तरह लगभग छह बार उन्होंने मेडिकल जांच से इनकार कर दिया।
खुद को बताया निर्दोष, कहा मीडिया ट्रायल गलत
इस मामले में पूजा खेडकर का कहना है कि उन्हें दोषी साबित करने वाला मीडिया ट्रायल गलत है। उन्होंने कहा कि हमारा भारतीय संविधान दोषी साबित होने तक निर्दोष होने के तथ्य को स्वीकार करता है। इसलिए मीडिया ट्रायल द्वारा उन्हें दोषी साबित करना वास्तव में गलत है। यह हर किसी का मूल अधिकार है। आप कह सकते हैं कि यह आरोप लगाया गया है लेकिन उन्हें इस तरह दोषि साबित करना गलत है। खेडकर ने आगे कहा कि वह विशेषज्ञ समिति के सामने गवाही देंगी और समिति के जो भी निर्णय होगा उसे में स्वीकार करेंगी। उनकी जो भी दलील है वह समिति के सामने पेश करेंगी। सच्चाई सामने आ जाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पूजा खेडकर पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्होंने वीआईपी मांग प्रशासन के सामने रखी थी। सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप गई एक रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि ड्यूटी पर आने से पहले ही खेडकर ने बार-बार मांग की थी कि उन्हें एक अलग केबिन दिया जाए। रहने के लिए आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी दिया जाए।
2022 में पास की थी यूपीएससी परीक्षा
पूजा खेडकर को यूपीएससी एक्जाम 2022 में 821वीं रैंक मिली थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए दृष्टि दोष होने का फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था। जिससे उन्हें छूट मिली और वे आईएएस बनीं। यह भी कहा जा रहा है कि यह एग्जाम उन्होंने जनरल कैंडिडेट के तौर पर दिया था। पूजा खेडकर की नियुक्ति पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। पूजा खेडकर ने अपनी निजी कार पर वीआईपी नंबर प्लेट के साथ लाल बत्ती भी लगा रखी थी। पूजा पर पुणे के एडिशनल कलेक्टर अजय मौर्या का ऑफिस उपयोग करने का भी आरोप लग रहा है। इसके बाद शिकायत सामने आने पर उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम जिले में कर दिया गया था।