Train लेट हुई तो Indian Railway देगी मुआवजा Court ने दिया आदेश

Train लेट हुई तो Indian Railway देगी मुआवजा Court ने दिया आदेश

भारत में ट्रेनों का निर्धारित समय से लेट होना आम बात है. लेकिन ट्रेनों के देरी से आने के कारण आम जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है या किसी और को हर्जाना भुगतना पड़ता है. यात्रियों को ऐसे में किसी जरूरी काम पर पहुंचने में लेट हो जाते हैं. इसी कारण ट्रेनों के देर से आने की शिकायत अक्सर सामने आती रहती है. पर कोई राहत नहीं मिल पाती थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. ट्रेनों के लेट होना एक आम बात है और अब तक इस पर कोई सुनवाई भी नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक बड़ा फैसला दिया है. जिसके मुताबिक अब ट्रेन लेट होने का उचित कारण नहीं बता पाने पर रेलवे को यात्रियों को मुआवजा देना पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि अगर रेलवे ट्रेन लेट होने की वजह और यह बताने में सफल नहीं होता है कि वजह उसके नियंत्रण से बाहर है तो वह मुआवजा देने के लिए उत्तरदाई होगा. कोर्ट ने रेलवे की ओर से राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत आयोग के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.

दरअसल, ट्रेन लेट होने से एक व्यक्ति कि फ्लाट छूट गई, जिससे उसका काफी नुकसान हुआ और उसने रेलवे के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया. व्यक्ति की शिकायत पर फोरम ने रेलवे को मुआवजा देने का आदेश दिया, साथ ही इस फैसले को राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने भी सही ठहराया. इसके बाद रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और वहां पर भी रेलवे के खिलाफ आदेश आया. फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा है कि यात्रियों का समय कीमती है और ट्रेन के लिए किसी ना किसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. यह प्रतिस्पर्धा और जवाबदेही का समय है. सार्वजनिक परिवहन को निजी कपंनियों से प्रतिस्पर्धा में बने रहना है, तो उन्हें व्यवस्था और काम करने के तरीके में बदलाव लाना होगा. यात्री रेलवे प्रशासन की दया पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे की तरफ से पेश की गई सभी दलीलों को खारिज कर दिया और आम जनता के हक में फैसला सुनाया है.

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