यूका का जहरिला कचरा पहुंचा पीथमपुर….मुख्यमंत्री ने दी हिदायत…कचरे पर राजनीति न करे विपक्ष…! हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का कर रहे हैं पालन
भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद से बंद पड़ी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जहरिले कचरे के निपटान की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। यहां पड़े लगभग 377 टन खतरनाक कचरे को ट्रांसफर करने का काम बुधवार रात से शुरू किया गया। यूका के कचरे के पीथमपुर पहुंचने से पहले ही इसे लेकर सियासत भी शुरु हो गई है।
सीएम ने कहा शंकाओं का समााधान होगा
40 साल बाद से यूका फैक्ट्री के कचरे का निपटान
जहरिले कचरे के निपटान की प्रक्रिया प्रारंभ
लगभग 377 टन खतरनाक कचरा किया ट्रांसफर
बुधवार रात को की गई शुरूआत
पीथमपुर पहुंचा यूका का कचरा
सीएम ने कहा — सभी शंकाओं का समााधान होगा
ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूनियन कार्बाइड के कचरे की पीथमपुर में शिफ्टिंग को लेकर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा हम सब पिछले 40 साल से उस जहरिले कचरे के साथ रह रहे थे। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि लोगों की शंकाओं को दूर किया जाएगा। जहरिले कचरे को नष्ट करने में पूरी तरह से सावधानी बरती जाएगी। सीएम ने कहा सभी लोगों को विश्वास में लेकर काम किया जाएगा। इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति न करे।
बता दें पीथमपुर में कचरा नष्ट करने को लेकर धार और इंदौर जिलों में भारी विरोध देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में यहां स्थानीय लोगों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था। वहीं मध्यप्रदेश के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी अपनी सरकार से इस निर्णय पर एक बार फिर से करने की अपील की थी।
दरअसल भारी विरोध के बाद भी आखिरकार जहरीले कचरे को 12 सीलबंद कंटेनरों को भोपाल से 250 किमी दूर धार जिले में स्थित पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र पहुंचा दिया गया। इन 12 कंटेनर के साथ सुरक्षा के तौर पर पुलिस बल, एंबुलेंस, चिकित्सक, फायर ब्रिगेड की टीम और क्विक रिस्पांस की टीम समेत करीब 25 वाहनों का काफिला साथ साथ चल रहा था। जिसने रात भर नॉन स्टॉप अपना सफर तय कर पीथमपुर पहुंचा।