आज ही के दिन 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने डाले हथियार, बना था एक नया देश

आज है विजय दिवस

आज 16 दिसंबर के ही दिन 1971 में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल अब्दुल्ला नियाजी ने भारतीय सेना के प्रतिनिधि के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने युद्ध में आत्मसमर्पण किया था। वह भी 93 हजार सैनिकों के साथ। अरोड़ा इस युद्ध में मुक्तिवाहिनी बांगलादेश और भारतीय सेना के संयुक्त बल का नेतृत्व कर रहे थे। आज इसीलिए विजय-दिवस मनाया जाता है। 

प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विजय दिवस की बधाई देते हुए सैन्य कर्मियों को याद किया। उन्होंने भारत की जीत सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले सशस्त्र बल के कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने कहा कि देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘विजय दिवस पर, मैं उन सभी बहादुर सशस्त्र बलों के कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध में भारत की एक असाधारण जीत सुनिश्चित की। देश को सुरक्षित रखने में सशस्त्र बलों की भूमिका के लिए देश उनका ऋणी रहेगा।’’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी गुरुवार को ‘विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी में आर्मी हाउस में आयोजित हुए ‘एट होम’ समारोह में भाग लिया था।

रक्षा मंत्री ने किया माल्यार्पण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया था।

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