लोकसभा चुनाव में टीएमसी के गढ़ पश्चिम बंगाल की चर्चा ना हो या इसकी चर्चा के बिना यह चुनाव अधूरा है। कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से टीएमसी के अभिषेक बनर्जी चुनाव मैदान में बनर्जी टीएमसी में नंबर दो और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे हैं। यहां तापमान 40 डिग्री है और इसी वजह से चुनावी माहौल में गर्माहट भी अधिक नजर आ रही है। हालांकि रास्ते सूने हैं। जिन पर टीएमसी के कुछ होर्डिंग बैनर झंडा ही नजर आ रहे हैं। डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र में 1 जून को सातवें चरण में होगी वोटिंग। यहां बोनबहादुर गांव में जब लोगों से उनकी राय जानी तो उनका यही कहना था ऑनलाइन वोट का अधिकार दिया जाना चाहिए। कोई कहीं से भी वोट डालने की योग्यता रखे। इसकी वजह पूछी तो पता चला यहां यह कहना थोड़ा मुश्किल है की ग्रामीण वोट डाल पाएंगे भी या नहीं। यहां पर छाप वोट यानी बूथ कैपचरिंग कब हो जाए पता नहीं अगर अगर बूथ पर जाएंगे तो वहां उंगली पर स्याही तो लगा देंगे लेकिन यह कहकर भगा दिया जाता है कि तुम्हारा वोट हो गया। जो लोग थोड़ा बहुत विरोध करने की कोशिश में खड़े होते हैं। उन्हें बंदूक की नोंक दिखा दी जाती है।
- वीआईपी मानी जाती है कोलकाता की डायमंड हार्बर सीट
- डायमंड हार्बर सीट से अभिषेक बैनर्जी टीएमसी उम्मीदवार
- टीएमसी में नंबर दो और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे हैं अभिषेक
- डायमंड हार्बर सीट पर बूथ कैप्चरिंग सबसे बड़ा मुद्दा
- पुराना है पश्चिम बंगाल में हिंसा और चुनाव का रिश्ता
गांव में यह स्थिति है कि यहां चुनाव और मतदान को लेकर सवाल करने पर लोग अपना मुंह बंद कर लेते हैं या वहां से चले जाते हैं। जब लोगों से यह कहा गया कि आप बूथ पर जाओ और वहां अपने मन से अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट करो तो वह कहते हैं बूथ के अंदर जाने को तो मिलेगा लेकिन यह भी सुनने का मिलेगा कि तुम अंदर क्यों आए। उंगली पर स्याही लगते ही वह मशीन चलाने वाला रहता है। वहीं बटन दबा देता है। पूछा कि वह कब हुआ तो पंचायत चुनाव की बात की जाती है। यह सब पंचायत चुनाव में हो चुका है इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में भी यही सब कुछ हुआ था। लोकसभा चुनाव में भी यही तैयारी है।
- डायमंड हार्बर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
- 1952 में पहले लोकसभा चुनावों के दौरान अस्तित्व में आई सीट
- पश्चिम बंगाल के 42 लोकसभा सीटों में से एक है डायमंड हार्बर
- डायमंड हार्बर सीट में हैं सात विधानसभा क्षेत्र शामिल
- डायमंड हार्बर, सतगछिया,महेशतला, फाल्टा, बिष्णुपुर, बज बज और मेटियाबुरुज
- दक्षिण 24 परगना जिला और कोलकाता जिले के कुछ हिस्से शामिल
- डायमंड हार्बर कभी भाकपा (मार्क्सवादी), भाकपा और कांग्रेस के पास रही
- 2009 के बाद से टीएमसी का इस सीट पर रहा दबदबा
- टीएमसी ने इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीते
- 2024 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी से अभिषेक बनर्जी
- दो बार के सांसद रह चुके हैं अभिषेक बनर्जी
- सीपीआई (एम) और बीजेपी के प्रत्याशी बने चुनौती
- डायमंड हार्बर में चुनावी लड़ाई हुई त्रिकोणीय
- सातवें चरण में शनिवार 1 जून को मतदान होना है
विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी और मोदी लड़ रहे हैं। यह सुनकर कुचबिहार से इलेक्शन सामग्री आ रही थी। रास्ते में ही रोक लिया गया और यह कह दिया गया कि बस आने खराब हो गई है थोड़ा रुकना पड़ेगा बाद में पता चला कि सबका वोट हो गया है। बंगाल हिंसा में बंगाल चुनाव में हिंसा की बात करें तो यहां 2018 में हुए पंचायत चुनाव में 2076 सीट ऐसी थीं। जिनमें निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। टीएमसी ने 34 फीसदी सीट निर्विरोध ही जीत ली थी। मतदान के दिन हुई हिंसा में करीब 10 लोगों की मौत भी हुई थी। वहीं 2021 में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उनके 14 कार्यकर्ताओं की चुनाव के दौरान हत्या कर दी गई। टीएमसी बीजेपी पर उसके तीन कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारने का आरोप लगाया था। इससे पहले 2019 में राजनीतिक हत्याओं का दौर चला। इस दौरान करीब 12 घटनाएं हुईं। फरवरी 2021 में केंद्रीय गृहमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी से जुड़े 130 लोग टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले में मारे जा चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग और चुनाव के दौरान हिंसा नजर आई। कोलकाता के कॉलेज में समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को ध्वस्त किया गया। इसे लेकर भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हिंसा झड़प हुई थी। डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से बीजेपी के अभिषेक दास खड़े हुए हैं। जिनका कहना है यहां चुनाव में वोट होता ही नहीं सिर्फ भूत के फिल्म होती है 10 साल से में यही सब देखते आ रहे हैं। अभिजीत आरोप लगाते हैं कि 2018 में को काउंटिंग ही नहीं हो सकी थी और पंचायत चुनाव में भी 15 16 दिन वोट गिरने नहीं दिए गए। बाद में दिखावे के लिए एक सीट बीजेपी को देकर सब टीएमसी ने अपने नाम कर ली विरोध करने पर झूठे केस में फंसाने और मारपीट की धमकी दी जाती है।