हरियाणा में गठबंधन सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच संबंध लगातार तल्ख़ होते जा रहे हैं। दोनों दलों के नेताओं की तरफ से पिछले कुछ दिन में चुनावी गठबंधन को लेकर जिस तरह की बयानबाजी हुई है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि फिलहाल पैदा हो चुकी दरार आने वाले समय में और चौड़ी होगी। इस दौरान निर्दलीय विधायक अपने लिए मंत्री पद पाने का अवसर देख रहे हैं। हरियाणा भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देब से लगातार निर्दलीय विधायकों की मुलाकात हो रही हैं। सोमवार को नई दिल्ली में पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने देब से मिलकर हरियाणा के राजनैतिक हालात और भाजपा-जजपा के बीच गड़बड़ाये तालमेल पर चर्चा की।
जजपा से गठबंधन नहीं रखना चाहती भाजपा
मुलाकात के बाद रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरीके के हालात है ऐसे में एक घंटा भी भाजपा को जजपा से गठबंधन नहीं रखना चाहिए। हमने प्रदेश भाजपा प्रभारी के साथ विस्तार से चर्चा की है।जजपा से नाता तोड़ने के बाद भी मनोहर सरकार निश्चित तौर पर अपना कार्यकाल पूरा करेगी। रावत ने कहा कि जजपा के नेता जिस प्रकार से प्रदेश भाजपा प्रभारी पर बयानबाजी कर रहे हैं, इसकी मैं निंदा करता हूँ। गौरतलब है कि बीते बृहस्पतिवार को चार निर्दलीय विधायको ने भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देब से भेंट कर इन कयासों को बल दिया था कि जजपा से गठबंधन टूटने की सूरत में निर्दलीय विधायक एकजुटता के साथ सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार रहेंगे। चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने बृहस्पतिवार सुबह भाजपा प्रभारी से दिल्ली में मुलाकात की थी।
बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर ने बृहस्पतिवार रात को दिल्ली में ही भाजपा प्रभारी से मिलकर जजपा के हटने पर समर्थन का भरोसा दिया था।इसमें कोई दो राय नहीं कि निर्दलीय विधायक हरियाणा सरकार में मंत्री बनने का अवसर देख रहे हैं और यह तभी सम्भव है जब भाजपा सरकार में शामिल जजपा से अपना रास्ता अलग कर ले। इसलिए हरियाणा भाजपा प्रभारी से मुलाकात कर निर्दलीय विधायक ये यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार पूरे पांच साल तक चलाने में वे सहयोग देंगे और कभी धोखा नहीं देंगे।
निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है
प्रदेश में निर्दलीय विधायकों की तादाद सात है। महम के विधायक बलराज कुंडू को छोड़ बाकी छह विधायक रणजीत सिंह चौटाला, नयनपाल रावत, धर्मपाल गोंदर, रणधीर सिंह गोलन, सोमबीर सिंह सांगवान व राकेश दौलताबाद सरकार के साथ हैं। रणजीत सिंह चौटाला सरकार में कैबिनेट मंत्री है। बाकी निर्दलीय विधायकों को सरकार ने चेयरमैन बनाकर अपने साथ रखा हुआ है। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा भी सरकार के साथ हैं।
जजपा तीन सीटों पर कर सकती है दावेदारी
नई दिल्ली में भाजपा हाईकमान को भी इस बात का अंदेशा है कि लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट सकता है। दरअसल जजपा हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कम से कम तीन सीट चुनावी गठबंधन के तहत मांगने की इच्छुक है जबकि भाजपा किसी भी सूरत में चुनावी गठबंधन करने को राजी ही नहीं है। ऐसे में अगर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ी तो सरकार साथ मिलकर चलाना संभव ही नहीं होगा। फिलहाल दोनों पार्टियों के बीच जरूरत का नाता ही है। जजपा सरकार में हर हाल में बनी रहना चाहती है क्योंकि दस विधायको के बल पर उसे सरकार में बड़ी हिस्सेदारी मिली हुई है दूसरी तरफ भाजपा नेताओं को लगने लगा है कि सरकार में होने के चलते ही जजपा मज़बूत हुई है और आगे साथ निभाया तो भाजपा के लिए नुकसानदायक हालात होंगे।
विधायकों से मुलाकात का सिलसिला
अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ऐन चुनाव से पहले जजपा का साथ छोड़ने की बजाय इस साल में ही जजपा को बॉय बॉय बोलने का मन बना रही है। इसलिए बिप्लब देब का निर्दलीय विधायकों से मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है। हालांकि भाजपा के भीतर कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि जजपा के साथ गठबंधन चुनाव में भी रखना चाहिए।