जानें गुरु का मिथुन राशि में जाना इन तीन राशियों के लिए होगा कितना शुभ..!
गुरु की यह अतिचारी चाल साल 2032 तक रहेगी। अतिचारी होने से गुरु तेज गति से चलेंगे। गुरु जहां करीब 12 महीनों के पश्चात अपनी राशि बदलते हैं। वहीं गुरु के अतिचारी होने यह 6 महीने के भीतर ही अक्तूबर 2025 में ही कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। फिर इसी राशि में रहते हुए बक्री भी होंगे। दिसंबर 2025 में एक बार फिर से मिथुन राशि में वापस लौट आएंगे। आइए जानते हैं गुरु के गोचर से किन तीन राशियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलने वाला है।
- 2032 तक रहेगी गुरु की अतिचारी चाल
- अतिचारी होने से तेज गति से चलेंगे गुरु
- गुरु 12 महीनों के पश्चात बदलते हैं अपनी राशि
- गुरु के अतिचारी होने यह 6 महीने बदल जाएगी राशि
- अक्तूबर 2025 में ही कर्क राशि में प्रवेश करेंगे गुरु
- फिर इसी राशि में रहते हुए गुरु बक्री भी होंगे
- दिसंबर 2025 में एक बार फिर से मिथुन राशि में वापस लौटेंगे
- गुरु के गोचर से इन तीन राशियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा
वैदिक ज्योतिषशास्त्र में गुरु को ज्ञान ही नहीं वैवाहिक जीवन, संतान, धर्म और शिक्षा का भी कारक ग्रह माना जाता है। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं। यह कर्क राशि में उच्च के होते हैं। गुरु के मिथुन राशि में गोचर करने से कुछ राशि वालों के करियर कारोबार, नौकरी, आय और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है।
मिथुन राशि–गुरु का गोचर वरदान से कम नहीं
गुरु के 12 साल बाद मिथुन राशि में गोचर करने से बहुत सारी चीजों में आपको सफलताएं प्राप्ति होंगी। मिथुन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति सप्तम और दशम भाव के स्वामी होते हैं और बृहस्पति कर गोचर आपके लग्न में हुआ है। इस भाव से इस राशि के जातकों के व्यक्तित्व के साथ ही उनके स्वास्थ्य का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि मिथन राशि के जातक के पंचम और सप्तम के साथ भाग्य स्थान पर भी जा रही है।
मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु का गोचर किसी वरदान से कम नहीं है। इस समय आपके सभी अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। संतान पक्ष की ओर से आपको अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है। पढ़ाई लिखाई से फायदा होगा। आपके व्यापार में आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा।
कर्क राशि–धन लाभ के योग
कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय काफी फलदायी हो सकता है। दरअसल लंबे समय से अटके उनके काम अब गति पकड़ सकते हैं। इतना ही नहीं धन लाभ के योग हैं और कार्यक्षेत्र में जहां आपको सफलता मिल सकती है। वहीं कुछ लोगों को नई योजनाओं पर काम शुरू करने का भी सुनहरा मौका मिलेगा। सामाजिक स्तर पर कर्क राशि के जातकों की पहचान बढ़ेगी। प्रभावशाली लोगों से संपर्क उनके लिए लाभदायक रहेगा। इस समय कर्क राशि के जातक कोई नया प्रोजेक्ट भी शुरू कर सकते हैं, जो भविष्य में बहुत ही सफलता देगा।
सिंह राशि–परिस्थितियां अनुकूल होंगी
देवगुरु बृहस्पति का गोचर सिंह राशि वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जा रहा है। आपके लिए गुरु का गोचर सभी तरह की अधूरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए रहेगा। आपके लिए देवगुरु बृहस्पति पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं और अब बृहस्पति का गोचर आपके 11वें भाव यानी कि लाभ स्थान से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की इच्छा पूर्ति का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके तृतीय, पंचम और सप्तम भाव पर जा रही है। सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का कर्क राशि में गोचर बहुत ही लाभदायक रहेगा। उनके कार्य स्थल पर परिस्थितियां अनुकूल होंगी। प्रयास करने पर व्यापार का विस्तार करने में सिंह राशि के जातक सफल हो सकते हैं।