मध्यप्रदेश में पांचवी बार सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी ने ट्रिपल एस का फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके सहारे चुनावी वैतरणी पार की जाएगी। दरअसल बीजेपी ने इस बार 200 पार का नारा दिया है। यानी उसने विधानसभा की 200 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। जिसे हासिल करने के लिए इस बार सरकार, संगठन और संघ तीनों एक साथ मिलकर काम करेंगे। मिशन 200 को पूरा करने के लिए तीनों साझा रणनीति बनाकर आगे काम करेंगे।
- विधानसभा की 200 सीटों पर बीजेपी की नजर
- संघ पदाधिकारी हुए मैदान में सकिय
- सर्वे के बाद बढ़ी मैदानी सक्रियता
- संगठन ने भी तीन स्तर पर शुरु किया काम
- नाराज नेताओं को दी जा रही समझाइश
- संगठनात्मक जिम्मेदारियों में किया जा रहा बदलाव
- मैदानी फीडबैक के आधार पर चेहरे की तलाश शुरु
बता दें गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव में इस रणनीति पर चलते हुए ही बीजेपी ने चुनाव में एतिहासिक जीत हासिल की थीी। यह फार्मला मध्यप्रदेश बीजेपी ने गुजरात से लिया है। दरअसल मध्यप्रदेश में संघ और शिवराज के सर्वे में ये कड़वी सच्चाई बीजेपी के सामने आई थी कि 100 से भी कम सीट पर उसकी जीत की संभावना है। ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि इस ट्रिपल एस फार्मूले के दम पर जीत हासिल की जा सकती है। यही वजह है कि सरकार, संगठन के साथ अब संघ भी चुनावी मैदान नजर आ रहा है। बीजेपी संगठन ने अब चुनावी तैयारी के बीच संगठनात्मक तौर पर तीन स्तर पर एक साथ काम शुरू कर दिया है। पहला काम मैदान में नाराज नेताओं को समझाना, समन्वय बनाना। इस काम में 14 नेताओं को जिम्मेदारी दी है। दूसरा काम संगठनात्मक जिम्मेदारियों में बदलाव करना। जिससे चुनाव वाले चेहरे अभी से सामने आ सके तो तीसरा काम है मैदानी फीडबैक के आधार पर प्रारंभिक चेहरे तय करना। जिससे चुनाव के वक्त टिकट वितरण में प्रारंभिक रिपोर्ट पहले से मौजूद रहे।
नाराज नेताओं को किया जा रहा एडजस्ट
संघ पदाधिकारी लगातार बीजेपी के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। वहीं नाराज और असंतुष्ट नेताओं का साधने के लिए सरकार की ओर से भी इन दिनों निगम मंडलों से लेकर बोर्ड में अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है। इसके साथ ही जिलों में प्राधिकरणों में भी बीजेपी के नेताओं को एडजस्ट किया जा रहा है। जिसमें चुनाव से पहले नेताओं की नाराजगी और दावेदारी को कम किया जा सके। साथ ही भितरघात और कार्यकर्ताओं के नाराजगी से होने वाले डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए ऐसे नेताओं को पदों पर नवाजा जा रहा है। इधर सीएम शिवराज ने पूरा फोकस लाड़ली बहना योजना पर कर लिया है क्योंकि मध्य प्रदेश में 48 फीसदी महिला वोटर हैं, जिन्हें साधने के लिए ही लाड़ली बहना योजना सीएम लेकर आए हैं। वहीं युवा वोटरों पर भी सीएम की नजर है।पार्टी नेताओं का कहना है कि बीजेपी विश्व का सबसे बड़ा दल है जिसका संगठन नीचे बूथ स्तर तक काम करता है। अब की बार 200 बार का जो नारा है। उसे पूरा करेंगे।
कांग्रेसियों को भरोसा मैदान जीतेगी पार्टी
वहीं कांग्रेस तंज कस रही है। कांग्रेसी कहते हैं बीजेपी कितनी भी तैयारियां कर लें। कितना भी संघ का साथ ले ले। बीजेपी के खिलाफ जो एंटीइनकंबेसी है। ऐसे में कांग्रेस उसे चुनाव जीतने नहीं देगी। बहरहाल हर समय चुनावी मोड में रहने वाली बीजेपी को इसबार ये चुनाव आसान नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि उसका ट्रिपल एस का फार्मूला कितना कारगर साबित होता है, या फिर से कांग्रेस 2018 की तरह सत्ता हासिल करने में कामयाब होती है।