2024 में देश के 8 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए थे। जिनमें से पांच राज्यों में बीजेपी या एनडीए को जीत हासिल हुई थी। वहीं लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी और एनडीए ने जीत की हैट्रिक लगाई थी। लेकिन साल 2025 में बीजेपी की राह कठिन मानी जा रही है। खास कर दिल्ली और बिहार में बीजेपी को खतरे का सामना करना पड़ेगा।
बीजेपी के लिहाज से साल 2024 अच्छा रहा। पार्टी की ओर से लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में कब्जा किया गया तो वहीं 8 में से पांच राज्योंं के विधानसभा चुनाव में जीत भी हासिल की। हालांकि बीजेपी 400 के पार वाले अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई। लेकिन बीजेपी ने एनडीए में अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल जरूर कर लिया। इसके अतिरिक्त बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा में भी बीजेपी की सत्ता में वापसी में सफल रही। 2024 के लोकसभा सभा के अतिरिक्त आठ राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से बीजेपी पांच राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब रही। हालांकि अब 2025 में उसके सामने राह कठिन है।।
बीजेपी के लिए लकी रहा 2024
- लोकसभा चुनाव बीजेपी के नेतृत्व में NDA
- सिक्किम एसकेएम
- ओडिशा बीजेपी
- अरुणाचल बीजेपी
- आंध्र प्रदेश एनडीए
- महाराष्ट्र एनडीए
- हरियाणा बीजेपी
- जम्मू कश्मीर एनसी-कांग्रेस
- झारखंड जेएमएम-कांग्रेस
अब साल 2025 में दो बड़े राज्यों में विधानसभा के चुनाव होना हैं। पहले दिल्ली में चुनाव होंगे तो इसके बाद बिहार में विधानसभा के चुनाव होना है। इन दोनों ही राज्यों में पिछली बार 2020 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। दिल्ली में जहां लगातार जीत की हैट्रिक लगाकर आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया था। तो वहीं बिहार में जनता दल यू और बीजेपी गठबंधन ने जीत हासिल की थी।
हालांकि बाद में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन में शामिल हो गए। नीतीश के एक कदम ने बीजेपी को विपक्ष में लाकर खड़ा कर दिया था। नीतीश कुमार का मन ज्यादा दिन महागठबंधन में नहीं रमा। वे एक बार फिर बीजेपी के साथ आकर खड़े गए। इसके बाद जदयू ने लोकसभा चुनाव 2024 भी बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था। बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार यह कहते रहे हैं कि अब वे बीजेपी के साथ ही रहेंगे। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे। हालांकि यह सियासत में कहा जाता है कि नीतीश कुमार कब पाला बदल लें, ये कोई नहीं जानता।
दिल्ली और बिहार …कठिन है राह
राजनीति के जानकार बताते हैं कि बीजेपी के लिए दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव की इतनी राह आसान नहीं है। केजरीवाल दिल्ली में सत्ता में वापसी के लिए पूर दमखम लगाते नजर आ रहे हैं। जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने पैर पसार रखे हैं उससे स्पष्ट है कि बीजेपी की राह दिल्ली में आसान नहीं है।
दूसरी ओर बिहार में भी बीजेपी और जेडीयू के नेता लगातार विधानसभा के चुनाव साथ मिलकर लड़ने का दावा करते आ रहे हैं। लेकिन लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने बिहार में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है। इसके अलावा राज्यों में अपनी चुनावी रणनीति से कई पार्टियों की सरकार बनाने वाले पीके यानी प्रशांत किशोर भी बिहार विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)