आज आधुनिक यूग में समाज में लड़का और लड़की में फर्क नहीं करने को लेकर कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। आज भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस जमाने में लड़की हर काम में कंधे-कंधे मिलाकर लड़कों के साथ चल रही हैं, लेकिन फिर भी लड़का-लड़कियों में भेदभाव किया जाता है। बैटे की चाह में लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं। इनमें कई ऐसे भी हैं जो बेटा नहीं होने पर घातक कदम भी उठा लेते हैं।
बेटे की चाह में दे दी अपनी जान
MP के राजगढ़ से एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें बेटे की चाह में चार बेटियों के पिता ने अपनी जान दे दी। युवक बेटा पैदा नहीं होने के कारण इस कदर परेशान हो गया कि उसने आत्महत्या कर ली। जब उसकी पत्नी को चौथी बार भी बेटा पैदा नहीं हुआ तो चार बेटियों के पिता ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पूरा मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा के खरना गांव से सामने आया है। ब्यावरा देहात थाना पुलिस की माने तो खरना गांव के रहने वाले रोडजी मेवाड़े ने पीपलबे आश्रम के पास फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक के परिजनों ने का कहना है रोडजी की चार बेटियां हैं। उसे एक बेटे की चाहत थी, लेकिन चौथी बार भी बेटा नहीं हुआ। जिसके कारण वो आए दिन परेशान रहता था। इसी चिंता में उसे शराब की लत लग गई और नशे का आदि हो गया।
इस पूरी घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि रोडजी के छोटे भाई राहुल की पत्नी ने भी कुछ समय पहले बेटी का जन्म दिया था। ऐसे में वह और अधिक परेशान रहने लग गया था। जिसके कारण आखिरकार पीपलबे आश्रम में पेड़ पर बेल्ट और गमछे से फांसी का फंदा लगाकर उसने आत्महत्या कर ली।