कोविड-19 महामारी के बाद HMPV वायरस ने दी चीन में दस्तक…भारत के बेंगलूरु में मिला पहला मरीज, 8 माह की बच्ची HMPV पॉजिटिव

The virus named HMPV spreading in China has once again put the whole world in panic.

चीन ने दुनिया को एक बार फिर से कोविड—19 की याद दिला दी है। चीन से खबरें आ रहीं हैं कि वहां के अस्पताल और श्मशान इस समय खचाखच भरे हुए हैं। दरअसल चीन में HMPV नाम का वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इस वायरस से भारत को पहले से ही सावधान रहने की जरूरत नहीं है, वह भी तब जबकि भारत में भी इस गंभीर बीमारी ने दस्तक दे दी है।

चीन के कई प्रांत HMPV वायरस से प्रभावित

चीन में फैल रहे HMPV नाम का वायरस ने पूरी दुनिया को एक बार फिर से दहशत में डाल दिया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह कोविड 19 वायरस का एक नया रुप है। इसकी पहली बार साल 2019 में पहचान हुई थी। इस नए वायरस का नाम है एचएमपीवी जिसका अर्थ है ह्यूमन न्यूमो वायरस। इस वायरस से उत्तरी चीन के प्रांत और शहर सबसे अधिक प्रभावित हैं। इस वायरस की चपेट में चीन की राजधानी बीजिंग, तियानजिन, शंघाई,होजियांग, हेवेई और ग्वांझू शामिल है। जबकि दक्षिण और दक्षिण पूर्व के कुछ शहरों में भी यह वायरस फैल रहा है। सोशल मीडिया पर चीन के लोगों की ओर से पोस्ट की जा रही है कि चीन के अस्पताल इस वायरस से प्रभावित मरीजों से खचाखच भरे हैं। वायरस की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। ऐसा चीन के सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है। हालांकि चीन की सरकार ने अब तक इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में संदेह जताया जा रहा है कि चीन कोविड 19 की तरह इस वायरस को भी छुपा रहा है।

कोविड की तरह HMPV वायरस को भी छुपा रहा चीन!

आरोप है कि चीन इस वायरस को लेकर ठीक वैसी ही नीति अपना रहा है जैसी उसने कोविड 19 के समय अपनाई थी। ऐसे में चीन की चुप्पी लोगों को परेशान कर रही है। बता दें 17 नवंबर 2019 को कोविड 19 का पहला मामला चीन के बुहान शहर में मिला था। कई दिनों तक चीन ने दुनिया से इस खबर को छुपा कर रखी थी। इसके बाद यह वायरस ने विश्व के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया। चीन आज भी यह मानने को तैयार नहीं है कि कोविड 19 उसके बुहान शहर से दुनिया में फैला है।
हालांकि पिछले दिनों ​चीन की डिजिज कंट्रोल अथारिटी ने यह तो बताया कि चीन में लोगों को फेफड़ों में परेशानी हो रही है। लेकिन उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि ऐसा किसी नए वायरस की वजह से हो रहा है। हालांकि चीन के डिसिसज कंट्रोल अथारिटी की ओर से कहा गया है कि हम निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली का संचालन कर रहे है। जिसकी उत्पत्ति की वजह नहीं पता है। इससे सर्दियों के दौरान लोगों को सांस लेने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सांस के रोगों के मामले बढ़ने की आशंका है।
इस वायरस के लक्ष्ण की बात करें तो यह इंसानों से इंसानों में तेजी से फैल सकता है। इसके लक्षण भी कोविड 19 जैसे होते हैं। इस वायरस से पांच साल से कम उम्र के बच्चे आसानी से चपेट में आ सकते हैं। इस वायरस से ऐसे लोगों को खतरा अधिक है जिन्हें पहले से अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारी है। इसकी रफ्तार कोविड से भी तेजी से फैल सकता है। चीन के अस्पतालों से डराने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। वहां लोग मास्क लगाकर अस्पताल आ रहे हैं।

भारत के बेंगलुरु में मिला पहला मरीज

दुनिया को दहला चुकी कोविड-19 महामारी के बाद अब HMPV नाम के एक वायरस ने चीन में दस्तक दी है। इस वायरस का भारत में पहला संक्रमित मरीज मिला है। बेंगलुरु में HMPV नाम के एक वायरस का पहला मामला सामने आया है। यहां एक अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में HMPV वायरस के सिंट्रम मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि अब तक विभाग की लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। एक गैर सरकारी हॉस्पिटल में इसके मामले की रिपोर्ट सामने आई है। हालांकि यह भी कहा गया है कि निजी हॉस्पिटल की इस रिपोर्ट पर किसी प्रकार का संदेह करने का कोई कारण नजर नहीं आता। बताया जाता है कि HMPV अमूमन बच्चों में ही डिटेक्ट होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी फ्लू सैंपल में से 0.7 फीसदी HMPV के भी होते हैं। इस वायरस का स्ट्रेन क्या है यह अभी पता नहीं चल पाया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV वायरस के लिए अब तक किसी प्रकार का कोई एंटीवायरल दवा नहीं बनी है। हालांकि अधिकांश लोगों पर इस वायरस का बहुत सामान्य असर होता है। लिहाजा घर पर रहकर ही इस वायरस के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। साथ ही कहा गया है जिन लोगों में गंभीर लक्षण इसके विकसित होते हैं। उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी। IV ड्रिप के साथ कॉर्टिकास्टेरॉइड स्टेरॉयड्स का एक रूप दिए जाते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि वायरस से निपटने के लिए अब तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। दरअसल HMPV वायरस के चलते अभी तक ऐसी स्थितियां नहीं बनी हैं कि इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन बनाने की आवश्यकता पड़े।

प्रकाश कुमार पांडेय

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