लोकसभा की वो सीट जिसने बदला देश की राजनीति का रुख
गुजरात देश की अर्थवस्था में ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में भी बड़ा महत्तव रखता है। इस वक्त इस सीट से देश के गृहमंत्री अमित शाह सांसद है और हालिया चुनावों के उम्मीदवार भी। गांधी नगर सीट देश के उन सीटों में से है जिसने देश की राजनीति का रूख बदल दिया है। दऱअसल सीट बनने के बाद पहला लोकसभा चुनाव 1967 में हुआ तब से लेकर 1984 तक यहां कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत होती रही लेकिन इसके बाद ये सीट बीजेपी के रंग में रंगने लगी। सबसे पहले 1989 में शंकर सिंह बाघेला मुख्यमंत्री बने फिर 1991 के चुनावों में पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी चुनावी मैदान में उतरे। आडवाणी ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की उस समय लाल कृष्ण आडवाणी को तकरीबन सवा लाख वोटों से जीत हासिल हुई।
गांधी नगर से कैसी बदली देश की राजनीति
1992 में राम मंदिर को संकल्प को लेकर गांधी नगर से सांसद लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली। ये यात्रा सोमनाथ से अयोध्या तक निकाली गई। यात्रा के जरिए बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने के लिए घर घर जाकर समर्थन मांगा. उसके बाद मंदिर वहीं बनाऐंगे का नारा जन जन तक पंहुचाया यहीं से देश की राजनीति का रूख बदला और राम मंदिर आंदोलन बड़े स्तर पर शरू हुआ। धीरे धीरे ये आंदोलन चुनावी मुद्दा बना और देखते देखते मंदिर मुद्दे पर राजनीति गरमाती रही। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व चुनाव आयुक्त टी एन शेषन को भी उतारा लेकिन उनको आडवाणी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। 2014 तक इस सीट से लालकृष्ण आडवाणी सांसद रहे 2019 में इस सीट से वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह को टिकट मिला और भारी मतों से जीत हुई।
देश की राजनीति को लगातार बदल रही है गांधीनगर सीट
1991 से लेकर आजतक सीट देश की राजनीति को बदल रही है। नब्बे के दशक मे लिया राम मंदिर का संकल्प 2024 में पूरा हो गया। कश्मीर से धारा 370 हट गई और अब कश्मीर कश्मिरियों का नहीं पूरे भारतवासियों का है। तीन तलाक भी कानूनी तौर पर गलत करार दिया गया सीएए और एन आऱ सी को लागू करने पर काम शुरू हो चुका है। यूनिफार्म सिविल कोड देश में लागू किया जा रहा है।
क्या हैं गांधी नगर सीट के राजनैतिक समीकरण
गांधीनगर सीट पर 1989 से लगातार बीजेपी का परमच लहरा रहा है। 2019 में इस सीट पर अमित शाह ने भी रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। 2022 के विधानसभा चुनावों में इस लोकसभा की सभी सात सीटों पर बीजेपी की जीत हुई। इसलिए इस सीट पर लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी के विजयरथ को रोकना कांग्रेस या किसी और दल के लिए आसान नहीं है।