रेपो रेट में कटौती से राहत: जानें 20, 30 और 50 लाख के होम लोन पर कितनी घटेगी EMI…जानें क्या होता है रेपो रेट..?

The Reserve Bank of India has made a big cut in the repo rate

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बड़ी कटौती की गई है। पहले से उम्‍मीद के अनुसार आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट कम किया गया है। ऐसे में किसी व्यक्ति ने होम और ऑटो लोन लिया है तो उसकी हर महिने की किश्‍तों पर प्रभाव पड़ेगा और किश्त की राशि कम हो जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया है। जिससे आम जनता को बड़ी राहत दी है। रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद यह दर अब 5.50% रह गई है। इससे होम और ऑटो लोन की ब्याज दरों में कमी आने की पूरी संभावना है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह फैसला महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास को गति देने के मकसद से लिया गया है। इसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो फ्लोटिंग रेट पर होम लोन ले चुके हैं या लेने जा रहे हैं।

EMI कैलकुलेशन: कितना मिलेगा फायदा?

नीचे कुछ प्रमुख होम लोन अमाउंट्स पर ब्याज दर में कटौती के बाद ईएमआई में होने वाली राहत का विवरण दिया गया है।

लोन राशि अवधि ब्याज दर (पहले) EMI (पहले) नई ब्याज दर EMI (नई) मासिक बचत
₹50 लाख 30 साल 9% ₹40,231 8.5% ₹38,446 ₹1,785
₹30 लाख 20 साल 8.5% ₹26,035 8% ₹25,093 ₹942
₹25 लाख 20 साल 8.5% ₹21,696 8% ₹20,911 ₹785
₹20 लाख 20 साल 9% ₹17,995 8.5% ₹17,356 ₹639

ब्याज दर घटते ही लोन हो जाएगा सस्ता

रेपो रेट कटौती से बैंक अपने होम लोन पर ब्याज दरें घटा सकते हैं, क्योंकि ज़्यादातर बैंकों ने अपने लोन रेपो रेट से लिंक कर रखे हैं। इससे आपकी EMI हर महीने कम हो जाती है और कुल लोन लागत भी घट जाती है।

रेपो रेट से जुड़े महत्वपूर्ण बातें

रेपो रेट में कटौती का सीधा असर सिर्फ फ्लोटिंग रेट लोन पर होता है। फिक्स्ड रेट लोन वालों को तब तक राहत नहीं मिलेगी जब तक वे नई शर्तों के तहत ट्रांसफर न करें। नई ब्याज दरें बैंक की समीक्षा के बाद लागू होती हैं, इसमें 1-2 सप्ताह का समय लग सकता है। आप चाहे तो लोन टेन्योर को छोटा कर सकते हैं और ब्याज में और बचत कर सकते हैं।
आरबीआई की यह रेपो रेट कटौती निश्चित रूप से मिडिल क्लास होम बायर्स के लिए राहत लेकर आई है। बढ़ती महंगाई के बीच ईएमआई में यह कमी मासिक बजट को संतुलित करने में मदद कर सकती है। यदि आपने भी होम लोन ले रखा है तो बैंक की नई दरों का इंतजार कीजिए, और समय रहते अपने लोन की री-स्टैक्चरिंग या बैलेंस ट्रांसफर पर विचार कीजिए।

जानें क्या होता है रेपो रेट

आमजन के लिए रेपा रेट को समझना थोड़ा कठीन हो सकता है। अगर आप भी नहीं जानते हैं कि रेपो रेट आखिर क्या होता तो हम आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को बैंकों का बैंक कहा जाता है। आरबीआई जिस ब्याज दर पर दूसरी बैंकों को कर्ज देता है, उस ब्याजदर को ही रेपो रेट का जाता हैं। ऐसे में रेपो रेट कम होने की​ स्थिति में यह बैंक भी कम ब्याज पर लोन बांटते हैं। जिससे अब उम्मीद की जा रही है कि बैंकों के लोन सस्ता हो सकता है। इसका सीधा फायदा बैंक के उपभोक्ताओं को मिलेगा।…(प्रकाश कुमार पांडेय)

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